पितृ दोष निवारण के सरल उपाय| 100% अचूक विधि

पितृ दोष की स्तिथि में घर में पति पत्नी के बीच अनबन, अकस्मात दुर्घटना होना, नींद में डरावने सपने आना इत्यादि समस्याएं आम हैं, अतः आप पितृ दोष निवारण के सरल उपाय ढूंढ रहे हैं तो समस्या आपकी यहाँ सुलझने वाली है।

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय

देखिये, हिन्दू परिवारों में पितरों को उतना ही महत्व और सम्मान दिया जाता है जितना की एक जीवित व्यक्ति को, इसलिए हम पाते हैं की श्राद्ध जैसी प्रथाएं दिवंगत व्यक्ति को श्रद्धांजली देने के लिए सबसे बेहतरीन विधि हैं।

पर कई बार इन्सान यह जानते हुए उन सभी रस्मों रिवाजों का पालन ठीक से करता है जिससे की पितृ खुश रहें, लेकिन अनजाने में उससे कुछ ऐसी गलतियाँ हो जाती हैं जिससे की पितृ नाराज हो जाते हैं।

अतः पितरों की नाराजगी से पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए इन्सान यदि अपनी गलतियों को सुधार ले तो यह समस्या काफी हद तक ठीक हो सकती है। आइये जानते हैं की

पितृ दोष निवारण के सरल उपाय | जरुर आजमायें

पितृ दोष की समस्या भारत में आम है, आज अनेक हिन्दू परिवारों में यह घटनाएँ सुनने को मिलती हैं जहाँ पितृ दोष की वजह से लोगों के बने बनाये काम अटक जाते हैं।

या फिर धन सम्पदा होने के बाद भी उनके परिवारों में ऐसे मुद्दों पर कलेश होने लगता है जिनकी कल्पना उन्होंने कभी की नहीं होती है।

अतः ऐसी स्तिथि में व्यक्ति निराश हताश हो जाता है, वो तमाम पंडितों और ज्योतिषों के पास अपनी समस्या को लेकर जाता है और कई बार उसे बताई गई विधि काम आ जाती है और उसे थोड़ी देर के लिए अपनी परेशानियों से राहत मिल जाती है।

पर ऐसे भी मामले सामने आते हैं जहाँ इन्सान कई विधियाँ अपनाता है, दुखी होता रहता है लेकिन उसे अपनी समस्या का कोई समाधान नहीं मिलता।

#1. अपनी मूल समस्या को बारीकी से समझें।

पितृ दोष से छुटकारा पाने की इस प्रक्रिया में सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बात है अपनी तकलीफ को समझना, क्योंकी बिना उसे जाने कोई भी कदम उठा लेना समझदारी नहीं है।

देखिये, इन्सान का मन बहुत चंचल होता है इसे सुख में बड़ा मजा आता है और जैसे ही इसकी जिन्दगी में कोई दुःख आता है तो इसे लगता है कोई जादू, नेगेटिव एनर्जी है जिसने उसकी जिन्दगी में दुःख लाने का काम किया है।

या फिर सीधे तौर पर कहें तो अधिकांश लोगों को लगता है उनकी जिन्दगी में चल रही तकलीफों का कारण पितृ दोष है। यही कारण है की फिर वो अपनी समस्या को ठीक करने के लिए पितृ दोष को ठीक करने का उपाय ढूंढते हैं।

अतः आपसे निवेदन है की अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए पितृ दोष या किसी भी तरह का कदम उठाने से पहले ये निर्धारित करें की आपकी समस्या क्या है?

एक बार आप जान गए की हाँ भाई ये समस्या है जिसकी वजह से मुझे लग रहा है मेरे पितृ नाराज हो गए हैं तो फिर आपके लिए आगे की राह आसान हो जाती है।

#2. समस्याओं की जिम्मेदारी लें, उनसे भागे नहीं।

एक बार जो व्यक्ति ये समझ गया मेरी मूल समस्या क्या है? फिर चाहे वह समस्या परिवार में रही अशांति हो या फिर वो समस्या किसी का लम्बे समय तक बीमार रहना हो या फिर नींद में डरावने सपने आना।

अर्थात समस्या जो भी हो ये मानिए की समस्या मेरी है या मेरे परिवार से जुडी है तो मैं इसे ठीक करूँगा।

अधिकांश लोग डरपोक होते हैं वे अपने हालातों को ठीक करने की जिम्मेदारी लेने के बजाय कह देते हैं की मैं कुछ नहीं कर सकता, ये सब भगवान की मर्जी से हो रहा है इत्यादि।

और अगर आप भी ऐसा कहते हैं तो इसके दो नुकसान हैं पहला जो समस्या चल रही है वो चलती रहेगी। दूसरा ये कायरता के संकेत हैं। एक वीर बहादुर इन्सान वो होता है जो कहता है समस्या हो रही है तो कहीं न कहीं मेरी वजह से हो रही है।

और मैं इस समस्या से भागूँगा नहीं उसे ठीक करने का प्रयत्न करूँगा। ऐसा इन्सान फिर अपनी समस्याओं का कारण पितृ दोष को नहीं मानेगा।

वो कहेगा अगर मेरी तबियत खराब हो रही है तो कहीं न कहीं मेरा खान पान, मेरी जीवनशैली ठीक नहीं थी जिसका फल मुझे बीमारी के रूप में भुगतना पड़ा है।

यही नहीं अगर व्यक्ति के घर परिवार में अशांति है तो वो कहेगा पितृ भगवान का रूप हैं वो भला हमारे घर में झगड़ा क्यों करवाएंगे। मैं देखूंगा किस कारण से और किन लोगों की वजह से मेरे घर में अशांति हो रही है।

एक बार मैं वो जान गया तो फिर उस परेशानी को खत्म कर दूंगा।

तो इस तरह एक समझदार इन्सान की भाँती आप अपनी तकलीफों से मुक्ति पाएंगे और एक अच्छी जिन्दगी जी पायेंगे।

#3. पितृ नाराज नहीं होते, इन्सान नासमझ होता है।

दुर्भाग्य से हम में से अधिकतर लोग बड़ी गलतफहमी में जीवन जीते हैं हमें लगता है पितृ हमसे नाराज हो जाते हैं। पर सच तो यह है की जो माता पिता जीते जी हमारा भला चाहते हैं वो मरने के बाद हमें कैसे परेशान कर सकते हैं।

पर बहुत से लोग आपको मिल जायेंगे जो कहेंगे नहीं, पितृ की आत्मा को शांति नहीं मिलती इसलिए वो फिर अपने बच्चों को परेशान करते हैं ताकि वो उनकी आत्मा को तृप्त कर सके।

पर सच्चाई तो यह है की हमारी समस्याओं का कारण हम खुद हैं, हमारे साथ जो कुछ भी बुरा हो रहा है उसका जिम्मेदार पितृ नहीं हम खुद हैं।

अगर आप पाते हैं आपके पास धन नहीं है तो ये मत समझिये की पितरों का आशीर्वाद नहीं है, आप मेहनत करिए धन मिल जायेगा।

अगर आपको लगता है परिवार में अशांति बहुत है तो ये मत कहिये की पितृ नाराज होंगे इसलिए ये झगडा होता है, बल्कि देखिये परिवार के लोगों में कुविचार कहाँ से आ रहे हैं? और किस कारण से वो लड़ रहे हैं।

इसी तरह आपकी चाहे जो भी तकलीफ हो आप उसे ठीक कर सकते हैं। पर यदि आप कहेंगे की पितृ नाराज हैं और किसी ज्योतिष या पंडित के कहने पर कोई विधि अपनाएंगे तो सम्भव है आज पितृ नाराज हैं कल फिर वो किसी बात पर नाराज हो जायें।

अतः समझिएगा परेशानी से मुक्ति पानी है तो सही जिन्दगी जियें। पितृ नाराज कभी नहीं होंगे।

#4. पुनर्जन्म और आत्मा की हकीकत जानिये।

हम ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी भगवदगीता नहीं पढ़ी, उपनिषद नहीं पढ़े और हम लोग बात करते हैं सनातन धर्म की और तमाम तरह के रीति रिवाजों की, परम्पराओं को निभाने की।

वो व्यक्ति जिसने धर्म को नहीं जाना वो किसी भी परम्परा को एक ड्यूटी की तरह निभा सकता है, प्रेम से नहीं। इसी तरह हमने पुनर्जन्म और आत्मा के बारे में कभी पढ़ा नहीं है लेकिन इनके बारे में तरह तरह की बहुत सी बातें सुनी हैं।

और उसका परिणाम यह है की हमें लगता है आत्मा कोई पदार्थ है जो मरने के बाद इधर उधर भटकती रहती है या फिर हमें लगता है इंसान मरने के बाद भी किसी दूसरे जीव के रूप में हमारी हरकतों पर नजर रखता है।

और इस तरह हम बेफिजूल की बातों पर यकीन करते हुए एक दिन मर जाते हैं। पर जिनके अन्दर थोड़ी भी ईमानदारी है वो कहेंगे मैं नहीं मानूंगा इन बातों को। मैं इनकी सच्चाई को जानूंगा।

आत्मा क्या है?

पुनर्जन्म क्या है? का सच जानिये

#5. सही जीवन जियें अपने लिए पितरों के लिए नहीं।

एक सही और सच्ची जिन्दगी से हम सदा दूर ही रहते हैं हम वैसा जीवन जीना पसंद करते हैं जिसमे झूठ है, सुरक्षा है, लालच है।

उदाहरण के लिए आपको कहा जाए आपके पास किसी काम को चुनने के लिए आपके पास दो विकल्प हैं।

पहला, काम ऐसा है की जिसमें आपको कुछ करना नहीं पड़ता महीने के 50 हजार कमाई होगी।

दूसरा, काम बहुत कठिन है  लेकिन उससे लोगों का कल्याण होता है और पैसे मात्र 15000-/ मिलेंगे।

तो जाहिर है आप पहले काम को चुनेंगे। इसी तरह अधिकांश लोग भ्रष्ट जीवन जीते है, अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए वो दूसरों का शोषण करने को भी तैयार बैठे रहते हैं।

और ऐसी जिन्दगी जीने के बाद उन्हें लगता है पितृ नाराज हो गए। अरे भाई गलत जीवन जियोगे तो पितृ तो अब बेचारे गुजर गए। जीते जी तुम्हें अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा।

तो सही जिन्दगी जियें, यही आपको स्वर्ग मिलेगा। पितरों को कोई फर्क नहीं पड़ता आप गलत करोगे तो गलत भुगतोगे लेकिन सही जिन्दगी जियोगे तो तुम भी आनन्द के साथ जियोगे।

#6. पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी आत्मज्ञान से।

यदि आप हमसे पूछें पितृ दोष निवारण के सरल उपाय कौन से हैं तो हमारा एकमात्र जवाब होगा आत्मज्ञान। यानि स्वयं को जानना।

जो इन्सान खुद को समझता है वो जान लेता है की मुझे जन्म क्यों मिला है? वो ये भी जान लेता है की पितृ हमें क्या सीख देकर गए हैं? और हमें कैसी जिन्दगी जीनी चाहिए?

इसलिए कहा गया है की इंसान का पहला कर्तव्य होना चाहिए आत्मज्ञानी होना, पर दुर्भाग्य से हम कुछ नहीं जानते आत्मज्ञान के बारे में। और हम नौकरी कर लेते हैं, शादी कर लेते हैं और दोस्त चुन लेते हैं फिर नतीजा ये होता है की जिन्दगी में हमारे सौ तरह की दिक्कतें खड़ी हो जाती हैं।

इसलिए ज्ञानियों ने ऋषियों ने कहा अपने जन्म को सार्थक बनाना है तो आत्मज्ञानी होना बहुत जरूरी है।

पढ़ें: आत्मज्ञान क्या है? आत्मज्ञानी होने की विधि।

#7. ऊँचा जीवन लक्ष्य बनाएं पितरों को मिलेगी शांति।

अधिकांश लोगों से पूछो भाई इतनी मेहनत, इतनी पढ़ाई किसके लिए है?

जवाब होगा- अरे भाई। जिन्दगी में सपने पूरे करने हैं?

सपने? कौन से सपने?

मुझे बड़ा आदमी बनना है, खूब पैसे कमाने हैं, गाड़ी खरीदनी है, विदेश जाना है, शादी करनी है।

बस और क्या करना है? जिन्दगी में। जवाब होगा बस और क्या, पैसा होना चाहिए बस।

जी हां, एक आदमी की यही इच्छा रहती है की वो किसी तरह खूब पैसा कमा ले। और एक दिन कमाते कमाते अपनी इच्छाओं को पूरा करते हुए वो मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

पर गौर से देखें और विचार करें तो प्रश्न खड़ा होता है की क्या हमें ये जिन्दगी बस खाने पीने, सोने और इधर उधर भागने के लिए मिली थी?

या फिर ये हमें किसी और ऊँचे और महत्वपूर्ण काम के लिए मिली थी? चूँकि आम आदमी की जिन्दगी में कोई आत्मज्ञान नही होता, तो फिर वो अपनी जिन्दगी की दिशा उसी तरह निर्धारित करता है जैसे बाकी लोग करते हैं।

याद रखें ये जिन्दगी हमें मुक्ति पाने के लिए मिली है, अपने बन्धनों से आजाद होकर एक निडर,आजाद और प्रेमपूर्ण जीवन जीने के लिए हम इस पृथ्वी पर आये हैं।

पढ़े:- जिन्दगी का अंतिम उद्देश्य क्या है?

अंतिम शब्द  

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद पितृ दोष निवारण के सरल उपाय आपको मिल गए होंगे, इस लेख को पढ़कर मन में कोई प्रश्न है तो आप बेझिझक इस whatsapp number 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं। साथियों यह लेख उपयोगी साबित हुआ है तो याद रखें आपका एक शेयर किसी की जिन्दगी बदल सकता है।

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