सुहागन स्त्री की पहचान होती है उसके माथे पर चमचमाता लाल सिन्दूर, हालाँकि सिन्दूर लगाने से जुडी कई तरह की मान्यताएं हैं बहुत से लोग रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? ये जानने की कोशिश करते हैं।
भारत एक धार्मिक देश के तौर पर पूरी दुनिया में विख्यात है, यहाँ हर राज्य, हर जिले की अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं, ऐसे ही उत्तर भारत में महिलाओं के सिन्दूर से जुडी कई तरह की मान्यताएँ हैं।
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कब सिन्दूर लगाना चाहिए, कब नहीं, क्या पीरियड्स में सिन्दूर लगाना चाहिए? इस तरह के बहुत से प्रश्न विवाहित महिलाओं के मन में आते हैं।
इस लेख को हम दो नजरिये से देखेंगे की पहले हम सालों से चली आ रही प्रथा के बारे में बात करेंगे। फिर हम उन प्रथाओं में कितना सच है और कितना झूठ है ये जानेंगे। बस आपसे निवेदन है पूरी बात समझने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? जानें सच्चाई!
मान्यताओं के अनुसार रात्रि के समय किसी भी शादीशुदा महिला को श्रृंगार के समय सिन्दूर लगाने से परहेज करना चाहिये। क्योंकि माना जाता है रात के समय वातावरण में भूत प्रेत, काले जादू की शक्तियाँ राज करती हैं।
अतः जो महिलायें रात के समय सिन्दूर लगाती हैं उनके पति के स्वास्थ्य पर और कामकाज में बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए हजारों वर्षों से चली आ रही इस मान्यता को महिलाओं द्वारा आज भी स्वीकार किया जाता रहा है।
जानिये रात में सिंदूर लगाने की मान्यता के पीछे का सच
ऊपर हमने उन सभी बातों पर चर्चा की जो समाज में लोग हजारों वर्षों से मानते आ रहे हैं, पर हमें लगता है इन्सान को किसी भी विधि, किसी भी बात को मानने से पूर्व उसकी सच्चाई समझने की कोशिश करनी चाहिए।
क्योंकि बिना समझे बूझे किसी भी बात का पालन करना तो अंधभक्ति है। इन्सान होने की विशेषता ही यह है की भगवान ने हमें सच्चाई जानने, सच्चाई पर चलने की बुद्धि दी है।
तो देखिये जो लोग सोचते हैं की रात में सिन्दूर लगाने से अशुभ होगा उन्हें बता दें इस बात में कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि आज तक ऐसा कोई प्रूफ नहीं आया है जो इस बात को साबित कर सके।
क्योंकि इस बात में वाकई कोई फैक्ट या दम होता तो फिर किसी रिसर्च में ये बात साबित हो जाती। तो देखिये विज्ञान तो इस बात को बिलकुल नहीं मानता।
धर्म के अनुसार रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं
अब बात आती है धर्म की, तो देखिये अगर आपको लगता है धर्म ही तो विवाहित महिला को सिन्दूर लगाने की सीख देता है, पौराणिक कहानियों में ये बातें हमने बचपन से सुनी भी हैं।
तो देखिये वास्तव में धर्म हमें क्या संदेश देता है? ये समझने के लिए हमें जाना होगा वेदों की ओर क्योंकि सनातन धर्म वैदिक है।
और वेदों के दो भाग हैं, कर्मकांड और ज्ञानकाण्ड|
कब पूजा करनी चाहिए, किस भगवान को कैसे प्रसन्न कैसे करें? मनुष्य को कैसा आचरण करना चाहिए? ये सभी बातें कर्मकांड के अंतर्गत आती हैं। वेदों के आरम्भ में चूँकि मनुष्य का ज्ञान सीमित था तो उसे लगता था की प्रकृति को पूजकर ही जीवन जिया जा सकता है।
फिर बात आगे बढ़ी और ऋषियों ने पाया की मनुष्य का मन ही है जिसके कारण इन्सान दुखी होता है तो वेदों का वह भाग जहां मन को शांति देने उसे सच्चाई तक पहुंचाने की बात कही गई है, उसे ज्ञानकाण्ड कहा गया।
और वेदों के दूसरे भाग यानी ज्ञानकाण्ड से ही हमें उपनिषद मिले, उपनिषद ही सनातन धर्म के केन्द्रीय ग्रन्थ हैं।
अर्थात कोई बात धार्मिक है या नहीं इसे जांचने के लिए हमें देखना होगा क्या वह बात उपनिषदों से मेल खाती है यदि हाँ तो उस बात को धार्मिक माना जाना चाहिए अन्यथा नहीं।
तो सवाल आता है की क्या रात में या दिन में सिन्दूर लगाने की प्रथा उपनिषदों में लिखी गई है? तो जवाब है नहीं इसलिए ये बात धार्मिक नहीं हो सकती।
उपनिषदों को पढेंगे तो वहां न तो किसी काम को करने की मनाही है और न ही किसी चीज़ को जबरदस्ती करने की बात कही गई है।
उपनिषद तो हमें मुक्ति की राह में आगे बढ़ना सिखाते हैं की चाहे तुम कुछ भी करो यदि उस काम को करने से जिन्दगी में शांति आती है, तुम सच्चाई की तरफ बढ़ते हो तो वो काम शुभ है।
तो ये कहना की धर्म महिला को सिन्दूर लगाने की सीख देता है तो ऐसा नहीं है, ये बात पौराणिक कहानीयों में जरुर लिखी हुई है उपनिषदों में नहीं।
रात में सिन्दूर लगायें या नहीं | अंतिम बात
तो देखिये धर्म और विज्ञान दोनों इस बात को लेकर क्या कहते हैं ये बात हमने आपके सामने रख दी है।
इसके बावजूद मन में किसी तरह का भ्रम बचा हुआ है तो हम आपसे कहेंगे की रात हो या दिन कभी भी सिन्दूर लगाना हो आपको लगाइए।
पर किसी मजबूरी में या डर में ये काम मत कीजिये। ये मत सोचिये ऐसा करने से भगवान कुपित हो जायेंगे और आपके पति को कोई दुःख देंगे।
कोई भगवान आपको कोई सजा नहीं देगा यदि आप रात को सिन्दूर लगा देंगे। न ही आपके पति पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा।
कोई कहे की कोई माँ रात को अगर घर से बाहर घूमने जाती है तो बेटे की तबियत खराब हो जाएगी।
सोचिये ये बात सुनने में ही कितनी अजीब लगती है, इसी तरह जब कोई महिला कहती है की रात को सिन्दूर लगाने से मेरे पति पर दुष्प्रभाव पड़ेगा तो ये बात भी तो अजीब है न।
पर हम इस तरह की अनेक बातें जिनके पीछे न कोई तर्क है न कोई कारण है बस हम उसे मानते रहते हैं और बदले में कहते हैं की ये बात तो धर्म ने सिखाई है।
देखिये अंतिम बात समझिये धर्म आपको सच्चाई की राह में आगे बढ़ने की सीख देता है।
सच्चाई जानिये, सच्चाई में जियें यही धर्म है। इसके अलावा सिन्दूर लगायें या माथे पर कुछ और धर्म को कोई फर्क नहीं पड़ता।
इस सच को जानना वाकई आपके लिए थोडा मुश्किल जरुर होगा पर जो सच है हमने आपके साथ सांझा कर दिया है।
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FAQ~ रात में सिन्दूर लगाने से जुड़े पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न
जी बिलकुल यदि पीरियड्स के दौरान आपको और आपके प्रिय पति को किसी तरह की आपत्ति नहीं है तो पीरियड्स में भी आप सिन्दूर लगा सकती हैं।
जीवित पति के प्रति प्रेम का सूचक है सिन्दूर, अतः जब तक आप दोनों के बीच प्रेम है आप अपनी इच्छा के अनुरूप जब तक चाहें तब तक सिन्दूर लगा सकती हैं।
अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं? अब आप भली भाँती जान गए होंगे, इस पोस्ट को पढ़कर कोई सवाल बाकी है तो बेझिझक आप 8512820608 whatsapp शेयर करें, साथ ही अधिक से अधिक लेख को शेयर भी कर दें।