यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठने के उन चमत्कारिक लाभों को देखना चाहते हैं जो कभी भी एक आम इन्सान को नहीं मिलते तो आपको ब्रह्म मुहूर्त का रहस्य क्या है? जरुर समझना चाहिए।
ब्रह्मा मुहूर्त का वर्णन अनेक शास्त्रों में देखने को मिलता है, माना जाता है यह ऐसा ख़ास समय बिंदु है जिसमें उठने से मनुष्य का सौन्दर्य बढ़ता है, उसकी बुद्धि का तेज बढ़ता है और वह ध्यान की उस अवस्था में पहुँच जाता है, जहाँ पहुंचकर उसे असीम शान्ति मिलती है।
अब सामान्य दृष्टि से देखें तो चूँकि ब्रह्म मूहूर्त में जगने पर वातावरण में चारों तरफ शान्ति होती है, ऐसे में इंसान के पास किसी भी विषय पर ध्यान केन्द्रित करना आसान रहता है।
पर अनेक विद्वानों, पंडितों की मानें तो यह समय विशेष इसलिए भी हो जाता है क्योंकि इस समय आपका परमात्मा से मिलन होता है।
जी हाँ, साथ ही यह समझना जरूरी है की ब्रह्म मुहूर्त को लेकर लोगों के बीच कई तरह के भ्रम भी फैले हुए हैं तो आइये जरा विस्तार से समझते हैं की
ब्रह्म मुहूर्त क्या है? जानें सच्चाई
ब्रह्म का अर्थ है सत्य/परमात्मा और मुहूर्त का अर्थ है विशेष समय। अर्थात जो समय सत्य या परमात्मा को समर्पित हो उसी को ब्रह्म मुहूर्त कहकर संबोधित किया जाता है। अन्य शब्दों में जिस समय परमात्मा का ध्यान हो उसी को ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है।
ब्रह्म मुहूर्त किसी ख़ास ध्यान विधि, योगा और तमाम तरह के जादुई अनुभवों का नाम नहीं है जैसा की समाज में लोगों के बीच ब्रह्म मुहूर्त को लेकर धारणा देखने को मिलती है। ब्रह्म मुहूर्त न तो हमें ख़ास तरह के अनुभव दे सकता है, न ही इससे हम अलौकिक शक्तियाँ पा सकते हैं?
अब प्रश्न है क्या लाभ हुआ ब्रह्म मुहूर्त का? यही की, जिस समय तुम सच्चाई के करीब आते हो, आपके जीवन में झूठ से ज्यादा सत्य को महत्व मिलता हो उसी समय को ब्रह्म मुहूर्त कहकर संबोधित किया गया है।
उदाहरण के लिए आप किसी सत्संग में जाते हैं जहाँ ऐसे धार्मिक ग्रन्थ का पाठ होता है जिससे मन साफ़ होता है, आपको अपने जीवन का हाल मालूम होता है, अपनी कमियां मालूम होती है तो जिस समय आप ऐसे सत्संग में बैठकर अपनी सच्चाई को जानें यही ब्रह्म मुहूर्त हो गया।
ब्रह्म मुहूर्त का रहस्य | विशेष अनुभवों की सच्चाई?
ब्रह्म मुहूर्त को अक्सर किसी ख़ास समय से जोड़कर देखा जाता है, लोगों की दृष्टि में सूरज उगने से ठीक डेढ़ घंटे पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है? और इस समय उठना बेहद फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं इस बात में कितनी हकीकत है।
देखिये अगर आपने ऊपर ब्रह्म मुहूर्त को समझा होगा तो आप जान गए होंगे की ब्रह्म मुहूर्त का घड़ी की टिक टिक से कुछ विशेष सम्बन्ध नहीं है, जो समय आपको बोध, सच्चाई की तरफ ले जाए सो समय ब्रह्म मुहूर्त।
पर अब सवाल है की फिर सुबह के समय को ही ब्रह्म मुहूर्त से ही जोड़कर देखा गया रात के समय को क्यों नहीं? देखिये आज की भांति प्राचीन काल में भी सुबह का समय किसी भी विषय पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए लाभदाई था।
सुबह के समय ऋषि मुनि बैठकर परमात्मा का ध्यान करते थे, आप कह सकते हैं की सत्य की वार्ता करते थे, क्योंकि पर्यावरण और मन के लिए यह समय अनुकूल था।
इस तरह बाद में आम लोग भी अपने अस्त व्यस्त जीवन से थोडा ध्यान हटाकर अपने दुखों और बन्धनों से मुक्ति के लिए परमात्मा में लीन हो सके, इस उद्देश्य से ब्रह्म मुहूर्त नामक विधि इजाद की गई, जिसका आज भी लोग पालन करते हैं।
पर चूँकि समाज में लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग करने की बजाय कोई कार्य इसीलिए करते हैं क्योंकि समाज में वैसा सभी करते हैं, उसी तरह ब्रह्म मुहूर्त में यदि किसी को ध्यान की विधि करते देखा गया तो बाकी लोग भी ब्रह्म मुहूर्त का वास्तविक अर्थ समझें बिना सुबह उठने लगे और आँख बंद कर ध्यान करने लगे।
और यह चलता रहा, चलता रहा आज आलम यह है की ब्रह्म मुहूर्त के बारे में कई तरह के झूठ और मनगढंत कहानियां रची जा चुकी हैं और लोग इसके नाम पर ठगे जा रहे हैं।
कोई तथाकथित गुरु कहता है ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ये विधि रोजाना करो आपको दिव्यज्ञान मिलेगा,आपका चेहरा चमकेगा, आपके ज्ञान की प्रशंसा होगी इत्यादि।
अब यह सुनकर इन्सान ठंड के दिनों में 4 बजे उठकर किसी मंदिर में जाकर एक पतली सी बनियान में ध्यान की अवस्था में बैठ गया है, अब भीतर से उसके यही आ रहा है की किसी तरह एक घंटा बीते और मैं उठ के यहाँ से चलूं। तो बताइए ये उसने परमात्मा का ध्यान किया या उसे अपने ही शरीर का ध्यान था?
यहाँ समझना जरूरी है की परमात्मा का ध्यान करने का यह अर्थ नहीं है की आप सुबह उठे और आँख बंद करके परमात्मा को याद करें, नहीं बल्कि ब्रह्म यानी सच्चाई को जानना ही ब्रह्म मुहूर्त होता है।
अब यदि कोई सच्चा गुरु आपको रात के 12 बजे भी कृष्ण का, रामायण का पाठ कराता है जिसे पढ़कर आपको अपनी नामसझी का पता चलता है और आप राम की भाँती सच्चा जीवन जीने के लिए प्रेरित होते हैं तो यही समय ब्रह्म मुहूर्त हो गया क्योंकि इसी समय ब्रह्म की बात हुई।
उम्मीद है यह समझने के बाद आपको ब्रह्म मुहूर्त का रहस्य मालूम हो गया होगा। इस विषय पर आपकी कोई भी जिज्ञासा हो तो आप इस नम्बर पर अपना संदेश भेजकर बातचीत कर सकते हैं?
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ब्रह्म मुहूर्त में उठने से क्या फल मिलता है?
ब्रह्म मुहूर्त में जागृति का सबसे बड़ा लाभ है आपको अपनी ही सच्चाई का ज्ञान हो जाता है। आपको मालूम हो जाता है आप कितने पानी में हैं, आपके भीतर कितनी कमियां दोष हैं और तभी आप उन बुराइयों को खत्म करके भीतर आपके अच्छाई प्रवेश करती है।
अतः जो किताब, जो व्यक्ति, जो धर्मग्रन्थ, जो जगह आपको सच जानने में मदद करें आपको आपको अपनी बेहोशी, अज्ञानता और दुःख का अहसास कराये।
आपको उसी समय को ब्रह्म मुहूर्त मानकर उसका सम आभार व्यक्त करना चाहिए क्योंकि यही समय अब आपको अपनी अशांति, परेशानियों से लड़कर शान्ति और सत्य की तरफ चलने के लिए आपका मार्गदर्शन करेगा।
ब्रह्म मुहूर्त में कितने बजे उठना चाहिए?
घड़ी के मुताबिक ब्रह्म मुहूर्त का कोई विशिष्ट समय नही है, ब्रह्म मुहूर्त की खास बात है की इन्सान समय के पार निकल जाता है।
ठीक वैसे जैसे गुरु की बातें सुनते सुनते शिष्य यह भूल जाता है की अभी दिन है या रात, इसी तरह जो समय आपको आपको परमात्मा यानि सत्य तक पहुंचाएं वही समय ब्रह्म मुहूर्त कहकर सम्बोधित किया जाएगा।
अगर आप सुबह 3 बजे उठकर रामायण, भगवद गीता जैसे ग्रन्थों का पाठ करते हैं और आपको मालूम होता है की आपके और राम के जीवन के बीच कितनी दूरी है तो समझ लीजियेगा यही समय जिसने आपको आपकी हकीकत के करीब आने का मौका दिया यही ब्रह्म मुहूर्त है।
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के क्या फायदे हैं?
अगर स्नान करने से आपको सत्य के मार्ग में चलने में साहयता मिलती हो तो ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना लाभदाई है। पर यदि आप सत्य के साधक नही है, आपको जीवन में सच्चाई, शांति से ज्यादा प्रिय अपनी इच्छाएं लगती हैं।
और आप सिर्फ ब्रह्म मुहूर्त में स्नान इसीलिए करना चाहते हैं ताकि आपकी कोई मनोकामना पूरी हो जाये तो यह महज एक अन्धविश्वास है ऐसा करके आप अपना समय और उर्जा दोनों बर्बाद कर रहे हैं।
लेकिन इसके विपरीत अगर सुबह 4 बजे सत्संग है, या फिर सुबह 4 बजे आप भगवदगीता पढ़कर कृष्ण की सीख लेकर अपने दिन की शुरुवात करते हैं तो सुबह उठकर नहाना बिलकुल परमात्मा को पाने में सहायक साबित होगा।
पर यदि अधिकांश लोगों की तरह आपका लक्ष्य कृष्ण को पाना नही बल्कि सुबह स्नान करके अपनी इच्छा पूर्ती करना है तो फिर उसका कोई लाभ नहीं है, ये एक छल है जो आप अपने साथ कर रहे हैं।
ब्रह्म मुहूर्त का मंत्र
ब्रह्म मुहूर्त किसी मन्त्र जाप या विशेष तरह की विधि अपनाने का नाम नहीं है, कोई कहे मैं सुबह ब्रह्म मुहूर्त में शिव जी या हनुमान जी का कोई मन्त्र जाप करता हूँ, हनुमान चालीसा पढता हूँ ताकि मुझे कोई दिव्य अनुभव हो तो आपको सच्चाई जानकार हैरानी होगी की यह सब छलावा है।
जी हाँ ठीक उसी तरह जैसे कोई 20 वर्षों से सुबह चार बजे उठकर हनुमान चालीसा पढ़े और उसके बावजूद उसके जीवन में बेचैनी, डर, लोभ, लालच आपको दिखाई दे तो आप हैरान हो जायेंगे की ये तो बड़ा धार्मिक इंसान है जो हर मौसम में नियम कायदे नही तोड़ता।
पर जब आप उस इंसान की जिन्दगी के और करीब आयेंगे तो आप पाएंगे ये इंसान एक व्यापारी है जो 2 घंटे सुबह ध्यान के बाद अपने काम धंधे में बैठ जाता है, और फिर पूरा दिन यही कोशिश करता है किसी तरह लाभ कमा लूं।
और अपने फायदे के लिए यह दूसरे का शोषण करने के लिए भी तैयार रहता है। यह वैसे तो बड़ा धार्मिक है लेकिन इसके काम को, भोजन को, संगती को देखकर, इसकी इच्छाओं को जानकार लगता है ये तो राक्षस इंसान है।
तो इससे आप समझ सकते हैं की क्यों वो जिन्दगी भर ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बावजूद भी परेशान है? शान्ति, आनन्द इतनी सस्ती चीज़ नही है वो भी उन्हीं को मिलते है जो अपना पूरा दिन सही तरह से जीने का चुनाव करते हैं। और इस तरह उनका जीवन ही खुशहाल होता जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त में पूजा कैसे करें?
ब्रह्म मुहुर्त का किसी ईश्वरीय प्रतिमा, देवी देवता से समबन्ध नहीं है, अतः ब्रह्म मुहूर्त का सिद्धांत आपको सच्चाई के पास आकर अपने जीवन की स्तिथि को स्वीकार कर सही जीवन जीना सिखाना है। हम अक्सर जैसा जीवन जीते हैं उसमें डर होता है, तनाव, बेचैनी, आलस्य, लोभ शामिल होता है।
अतः ब्रह्म मुहूर्त का संदेश हमें यह बताना है की तुम जैसा घटिया जीवन जी रहे हो, जितनी यातनाएं कष्ट झेल रहे हो, तुम उससे बेहतर जीवन जी सकते हो तुम आनंद, शांति के अधिकारी हो और बिना उसे पाए तुम्हें चैन कैसे मिलेगा?
पर हमें लगता है वो आनन्द और शांति हमें ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करने या कोई मन्त्र जाप करने से मिल जायगा? पर ऐसा होता नहीं है, जिसको आजादी चाहिए जिसे शांति से प्रेम है उसका सही जीवन जीना बेहद जरूरी है।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढ़कर ब्रह्म मुहूर्त का रहस्य क्या है? अब आप भली भाँती समझ चुके होंगे। अगर अभी भी इस रहस्य को जानने के विषय में आपके मन में कोई सवाल बाक़ी है तो आप बेझिक अपने विचारों को इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं। यदि इस लेख को पढ़कर स्पष्टता मिली है तो इसे शेयर भी कर दें।