नाड़ी दोष क्या है? जानें लक्षण, प्रभाव और निवारण!

हिन्दू धर्म में विवाह के दौरान कुंडली मिलान की प्रथा हजारों वर्षों से चली आ रही है, विवाह के पश्चात किसी तरह की अकस्मात अनहोनी से बचने के लिए कुंडली में नाड़ी दोष का ख़ास ध्यान रखा जाता है, लेकिन नाडी दोष क्या है?

नाडी दोष क्या है

इसके कारण कौन से नुकसान शादीशुदा जीवन में देखने को मिलते हैं और साथ ही इसका उपचार क्या है? इस विषय पर अगर आप गहराई से सच्ची जानकारी पाना चाहते हैं तो यह लेख आपको ध्यान पूर्वक जरुर पढना चाहिए।

बता दें इस ब्लॉग के माध्यम से हम पाठकों को जादू टोना, मागलिक दोष, वास्तु दोष इत्यादि से जुडी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करते हैं,इसी दिशा में आज का यह ब्लॉग लिखा है जिसे पढ़कर आपको जीवन में सही फैसला लेने में मदद मिलेगी।

नाड़ी दोष क्या होता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह से पूर्व यदि स्त्री पुरुष दोनों की कुंडली में एक जैसी नाड़ियाँ होती हैं तो इस स्तिथि को नाड़ी दोष या नाडी महादोष कहकर संबोधित किया जाता है। कहा जाता है कुंडली में नाडी दोष से बचने के लिए दोनों की नाड़ियाँ भिन्न भिन्न होनी चाहिए।

नाडी दोष को वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है। हालाँकि जब पुरुष और स्त्री दोनों का जन्म एक ही नक्षत्र में अलग अलग चरणों में होता है तो इस स्तिथि को कुंडली दोष नहीं कहा जा सकता। साथ ही जन्म राशी अलग अलग हो और नक्षत्र एक हो तब भी ये समस्या उत्पन्न नहीं होती।

आज भी भारत में कई सारी शादियाँ इसलिए टूट जाती हैं क्योंकी दो लोगों में नाडी दोष होता है, कई बार तो लोग इस परेशानी से निपटने के लिए उपाय करते हैं तो कई बार नाड़ी दोष देखते ही वो शादी करने का फैसला कैंसिल कर देते हैं।

लेकिन लोगों के बीच नाड़ी दोष को लेकर व्याप्त डर के पीछे का मुख्य कारण जानते हैं।

नाड़ी दोष के नुकसान अथवा दुष्प्रभाव क्या है?

लोकमान्यता और ज्योतिषियों की मानें तो नाडी दोष दो लोगों के बीच के रिश्ते में एटम बम की तरह है, क्योंकी नाडी दोष के रहने से इन्सान की वैवाहिक जिन्दगी में कई तरह के उतार चडाव आते हैं, यहाँ तक की कुछ ऐसी अप्रिय घटनाएँ घटती हैं जिससे इन्सान को गहरा दुःख पहुंचता है।

आइये उन सभी दुष्प्रभावों को विस्तार से जानते हैं:

#1. नाडी दोष की स्तिथि में शादी के उपरांत दोनों में से किसी एक पर जान का खतरा बना रहता है, इसलिए इस प्राण भय के डर से लोग नाडी दोष होने पर शादी नहीं करते।

#2. शादीशुदा जीवन के उपरान्त घर में कलेश और दोनों पार्टनर के बीच झगडा विवाद होने की आशंका बनी रहती है, अतः ज्योतिष इस बात की चेतावनी जातकों को पहले ही दे देते हैं।

#3. अकस्मात सड़क दुर्घटना में पति या पत्नी को नुकसान पहुँचने की सम्भावना हमेशा बनी रहती है।

#4. पति पत्नी दोनों के मन में लगातार कुछ बुरा होने की आशंका बनी रहती है जिसके फलस्वरूप चित्त में बेचैनी और मानसिक कष्टों से उन्हें गुजरना पड़ता है।

#5. इंसान के वैवाहिक जीवन का असर बाकी अन्य रिश्तों पर भी पड़ता है, बच्चों के साथ या परिवार में माता पिता, मित्रों और अन्य सगे संबंधियों के साथ उसके रिश्ते कुछ ठीक नहीं होते।

तो साथियों अब तक हमने चर्चा की नाडी दोष से जुडी उन सभी मान्यताओं की जो लोगों के बीच अक्सर इस विषय पर सुनने को मिलती है पर अब हम आपके साथ वो सच्चाई सांझा करेंगे जिससे आपको नाडी दोष को दूर करने का हल खुद ब खुद मिल जायेगा।नाडी दोष कैसे दूर करें? बेहतरीन उपाय 

अगर आप इन्टरनेट पर जाएँ तो नाडी दोष को दूर करने के लिए तमाम तरह के उपाय आपको गूगल और Youtube पर मिल जायेंगे।

कहीं पर ये दावा किया जाता है की गरीब को दान देने से ये समस्या ठीक हो जाएगी तो कहीं पर ब्राहमण को घर बुलाकर महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करके इस समस्या से बाहर निकलने की बात कही जाती है।

हालांकि हकीकत जानकर आपको हैरानी तो होगी ही लेकिन साथ में आपकी समस्या भी दूर होगी इसलिए आपसे निवेदन है की बात को पूरा पढ़ें और इसके बाद मन में किसी तरह का प्रश्न दिमाग में आता है तो बेझिझक आप उसे इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर शेयर करें।

देखिये नाडी दोष और कुंडली में मौजूद तमाम तरह के दोष वास्तव में सब मन के भ्रम हैं और इन्सान को डराने के लिए इजाद की गई विधियाँ हैं।

जी हाँ, ठीक वैसे जैसे भूत प्रेत नहीं होते पर हमें लगता है ये चीजें वाकई होती हैं इसी प्रकार हमें लगता है हाँ कुंडली जैसा कुछ वास्तव में होता है और इन्सान के ग्रह उसकी जिन्दगी को चलाते हैं।

पर हकीकत तो ये है की ठीक जैसे भूत नहीं होते बस मन का भ्रम है उसी तरह कुंडली इत्यादि से जिन्दगी नहीं चलती, इन्सान का जीवन अच्छा होगा की बुरा उसके कर्म निर्धारित करते हैं, इन्सान जिस नियत के साथ कर्म करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा।

और यदि आपको लगता है कुंडली इत्यादि ये बातें व्यर्थ हैं तो फिर धर्म शास्त्रों में ये बातें क्यों लिखी गई है? तो देखिये सनातन धर्म का इतिहास बहुत पुराना है।

अगर वाकई समझना है सनातन धर्म क्या है? तो उपनिषद और भगवद्गीता पढ़िए यहाँ आपको मालूम होगा वो तमाम तरह की बातें जो समाज में धर्म के नाम पर चलती हैं। फिर चाहे जादू टोना, वास्तु दोष हो या कुंडली और नाडी दोष यहाँ इन तमाम चीजों का कोई वर्णन नहीं किया गया है।

ये सब बातें बहुत बहुत बाद में रची गई, हो सकता है कुंडली और इन सबको बनाने के पीछे कोई खास बात हो। पर अगर कुंडली का काम सिर्फ दो लोगों के ग्रह की स्तिथि देखने और नाडी दोष इत्यादि देखने का है।

तो व्यर्थ है कुंडली मिलान, हालाँकि अगर ऐसा हो की जो पुरुष महिला आपस में शादी करने जा रहे हैं यदि कुंडली मिलान करने से उनकी सोच का पता चले, उनकी नियत और उनकी कमियां और अच्छाइयों का पता चले तो बहुत बढ़िया है।

ये बातें अगर शादी से पहले ही पता चल गई यानी की शादी से पहले ही वे एक दूसरे को समझ गये तो बहुत अच्छी बात है। पर अगर दो लोग एक दूसरे को जाने बिना शादी कर रहे हैं सिर्फ इसलिए क्योंकी कुंडली मिल गई है।

तो ये बड़ी खतरनाक बात है, क्योकी आप नहीं जानते जिस इन्सान के साथ आप रह रहे हो वो किस इरादे के साथ आपके पास रह रहा है।

कुंडली मिलान का सच न जानने का दुष्प्रभाव 

ऊपर हमने ये हकीकत जान ली है की कुंडली मिलान और नाडी दोष की हकीकत क्या है? क्योंकी धार्मिक नजरिये से देखें तो हिन्दू धर्म के उच्चतम ग्रन्थों में किसी तरह की कुंडली मिलान की स्वीकृति नहीं है।

उपनिषद जिन्हें सनातन धर्म की केन्द्रीय पुस्तक के रूप में जाना जाता है वहां तो सिर्फ एक ही बात पर फोकस किया गया है मुक्ति, अगर वो मुक्ति इन्सान को शादी करने से मिलती है तो बहुत अच्छी बात है। वरना वहां कुंडली क्या वहां तो स्त्री और पुरुष की भी बात नहीं की गई है।

तो अगर आपको लगता था धर्म हमें सिखाता है कुंडली मिलाना करना तो ऐसा नहीं है, धर्म का तो एक ही उद्देश्य है इन्सान को दुखों से मुक्ति देना।

अब दूसरी बात प्रैक्टिकल नजरिये से देखें तो आप बताइए आप उस मित्र के साथ शादी करके साथ रहना पसंद करोगे जिसे आप पहले से जानते हैं या फिर उस इन्सान को अपनी जिन्दगी बनाओगे जिसको आप जानते तक नहीं।

बस कुंडली मिलान के कारण आप उस इन्सान को अपने घर ले आये हैं। बताइए आप क्या करेंगे?

तो अब आप ये भी जान गये होंगे की कुंडली मिलान को कितना महत्व जीवन में देना चाहिए? सही जिन्दगी जीना आपका प्रथम उद्देश्य होना चाहिए न की कुंडली मिलान करके किसी भी साथी को आपको अपना जीवनसाथी बनाना चहिये।

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अंतिम शब्द

तो साथियों नाडी दोष क्या है? इस विषय पर इस लेख को पढने के बाद मन के बहुत से भ्रम मिट गये होंगे। इस लेख को पढ़कर जीवन में कुछ स्पष्टता आई है या फिर मन में कोई प्रश्न बाकी है तो बेझिझक आप whatsapp number 8512820608 पर सम्पर्क कर सकते हैं, साथ ही इस लेख को अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

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