भोलेबाबा से आशीर्वाद पाकर अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के मकसद से बहुत से लोग इन्टरनेट पर सोमवार उपवास में क्या खाना चाहिए? क्या नहीं ये प्रश्न पूछते हैं? आइये प्रश्न का सटीक जवाब जानते हैं।
पौराणिक कहानियों में अनेक ऐसी घटनाओं का वर्णन मिलता है जहाँ सोमवार का व्रत रखने से महिलाओं को मनवांछित वर मिला अथवा घर में सुख शांति समृद्धि आने की इच्छा पूरी हुई।
यही कारण है की हजारों वर्षों से सोमवार के दिन व्रत रखने की परम्परा का आज भी विधिवत पालन किया जा रहा है। अगर आप भी इस व्रत को शुरू करने का मन बना रहे हैं अथवा पहले से ही आप इस व्रत को रखते आये हैं।
तो इस लेख में आपको सोमवार के दिन क्या खाएं क्या नहीं इससे जुडी मान्यताओं के बारे में बताया गया है, पर इससे पहले की आप उन बातों को मानें आपको नीचे एक Secret बताया गया है जिससे आपकी जिन्दगी बदल सकती है।
सोमवार उपवास में क्या खाना चाहिए?
सोमवार के व्रत के दिन कई लोग फलाहार करते हैं तो कुछ लोग इस दिन पर किसी विशेष दाल से बनी सामग्री से बनी खिचड़ी या लड्डू खाते हैं वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस दिन पानी के सिवा कुछ भी ग्रहण नहीं करते हैं।
ऐसे में अन्य लोग इस बात को देखते हुए उलझन में पड़ जाते हैं, वहीँ कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इन्हीं लोगों की देखा देखी यूँ ही कुछ भी करने लगते हैं ताकि वो खुद को संतुष्ट कर सके की हाँ मैंने भी सोमवार के व्रत का विधिपूर्वक पालन किया।
बहरहाल इस लेख में हम आपके साथ सच्चाई सांझा करने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले कुछ मान्यताये आपको जान लेनी चाहिए ताकि आपको ये मालूम हो सके की समाज में लोग सोमवार के दिन किन चीजों को मानते हैं।
सोमवार के उपवास में होता है इन चीजों का सेवन
- सोमवार के दिन सब्जियों में लोग अक्सर लौकी, कदू अथवा अरबी की सब्जी खाई जाती है।
- फलाहार करने वाले लोगों को इस दिन अनार, केले,सेब जैसे पोषणयुक्त फलों का सेवन करने की स्वीकृति दी जाती है।
- इसके अलावा व्रत से शरीर में आने वाली कमजोरी से राहत पाने के लिए लोग साबूदाने की खिचड़ी भी खाते हैं।
तो ये तो हुई बात की मान्यताओं के अनुसार इस दिन किन चीजों का सेवन करना शुभ है अब बात आती है की
सोमवार के उपवास में नुकसानदायक है इन चीजों का सेवन
- सोमवार के उपवास में पालक, फूल गोभी, बैंगन और परवल जैसी सब्जियों का खाना वर्जित होता है।
- स्त्री अथवा पुरुष जोभी सोमवार का व्रत लेता है उसे मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए।
- इसके अलावा वे लोग जो इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस मीट या मदिरापान करते हैं ऐसा करने से उनका व्रत टूट जाता है।
तो इस तरह हमने बात की उन चीजों की जो सोमवार के व्रत में खाने की मनाही होती है। पर इससे पहले की इन मान्यताओं को जानकर आप भी ऐसा ही करना शुरू कर दें।
हम आपको याद दिला दें की मान्यता का अर्थ होता है मानना। और किसी चीज़ को मानने का कदापि यह अर्थ नही होता की वो बात सच हो जाए।
उदाहरण के लिए बहुत से लोग भूत प्रेत को सच मानते हुए उनसे डरते हैं? भले उन्होंने भूत देखे न हो पर उन्होंने ये मान लिया है की भूत होते हैं।
तो क्या इसका अर्थ है वो इन्सान सच कह रहा है और हमें भी भूतों से डरना चाहिए नहीं न, तो किसी के कुछ मानने से सच्चाई साबित नही हो जाती तो अब जानते हैं सच्चाई क्या है जिसे
सोमवार के व्रत पर खाने से जुडा असली सच| आँखें खुली रह जायेंगी
देखिये सच्चाई तक जाने के लिए हमें व्रत शब्द को समझना होगा।
व्रत का अर्थ है उपवास, यानी किसी के पास निवास करना।
तो जब आप कहते हैं मेरा सोमवार के दिन उपवास है तो कहीं न कहीं आप ये कहना चाह रहे हैं की मैं इस दिन शिव जी के करीब रहूंगी/रहूँगा।
या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो मैं आज शिव जी की भक्ति में लीन रहूँगा।
ठीक है। तो सवाल आता है भक्ति का खाने पीने से क्या लेना देना है?
अगर आप वास्तव में समझेंगे की सच्ची भक्ति क्या है? तो फिर असल मायने में भक्ति करने का अर्थ है सच्चाई से प्रेम होना।
तो जब हम कहते हैं हम शिव जी के भक्त हैं तो कहीं न कहीं हम ये कह रहे हैं की जिस तरह शिव जी को सच्चाई से प्रेम है उसी तरह हम भी सच्चाई के रास्ते पर चलेंगे।
हम उन सभी झूठी बातों को, झूठे लोगों को अस्वीकार करेंगे और सच्चे लोगों का, सही बातों का साथ देंगे, हम सही माहौल में रहेंगे और साथ ही सही काम करेंगे।
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ठीक है अब सवाल आता है भक्ति करने का यदि ये मतलब है तो फिर इसका खाने पीने से क्या लेना देना।
तो देखिये भक्ति करना यानी सच्चाई के रास्ते पर चलना आसान बात तो नहीं है। और आम लोगों को ब्रह्म/सत्य आसानी से समझ आता नहीं।
तो इसलिए आम लोगों को भी सच्चाई के करीब लाने के लिए ऋषियों ने, संतों ने विधि बनाई और कहा की सप्ताह में कोई एक दिन ऐसा बना लीजिये ताकि तुम ग्रहस्थ जीवन जीते हुए भी भगवान को याद कर सको।
तो इस विश्वास के साथ की एक दिन सप्ताह में हम भगवान का नाम लें और उनके आदर्श जीवन की भाँतीहम भी जिन्दगी में कुछ अच्छा करके इस जन्म को सार्थक करें।
तो इस मान्यता के साथ व्रत की परम्परा शुरू हुई। लेकिन कोई भी दिन ख़ास हो इसके लिए कुछ विशेष नियम बनाये जाते हैं।
अतः उपवास के दिन को ख़ास बनाने के लिए कहा गया की देखो। भोजन तो रोज ही करते हो इस दिन तुम्हें भोजन नहीं करना है तुम्हें हरी/ परमात्मा का नाम याद करना है।
याद रखें इस सबके पीछे इरादा एक ही था की हम भी भगवान को याद करके एक सच्चा और सुन्दर जीवन जी सकें, हम राम को याद करें और उनकी भाँती हम भी जीवन में बहादुरी और वीरता के साथ अच्छे कर्म करें।
सोमवार के दिन व्रत रखने का सही तरीका
तो उपरोक्त बात को समझने के बाद अब सवाल आता है की हम सोमवार का व्रत कैसे रखें ताकि शिव जी प्रसन्न हो सकें।
देखिये शिव जी का दूसरा नाम है सच्चाई। तो अगर आपको लालच से ज्यादा सच्चाई पसंद है, आपको मोह और डर से ज्यादा सच्चाई से प्रेम है तो जाहिर सी बात है आप एक सच्ची जिन्दगी जी रहे हैं।
और आप शिव जी की भक्ति में रोजाना डूबे हुए हैं। तो ऐसे में आप सोमवार के दिन व्रत रखें या न रखें कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि एक सही जिन्दगी जीकर आपने अपनी जिन्दगी ही शिव जी यानी सच्चाई को अर्पित कर दी है।
लेकिन अगर आपके भीतर लालच बहुत है, आप डर के मारे सही काम को करने से दूर भागते हैं तो समझ लीजिये की सोमवार के दिन आप व्रत रखकर कुछ खाएं या न खाएं।
भगवान आपसे खुश नहीं होंगे। भोले बाबा को क्या फर्क पड़ता है आप सोमवार के दिन कुछ खाएं या न खाएं वो मस्त हैं।
पर अगर आप सच्चे कर्म नहीं करोगे झूठे और अत्याचारी लोगों का साथ दोगे तो इसका नुकसान ये होगा की आप शिव जी से दूर हो जायेंगे।
तो संक्षेप में कहें तो सोमवार का व्रत तभी आपके लिए लाभदाई होगा जब आप एक सच्ची जिन्दगी जियें।
अन्यथा बात ऐसी ही होगी की मन में तो मेरे कपट है और सोमवार का यदि मैंने व्रत भी रख लिया और पूरे दिन भले मैंने कुछ न खाया हो भगवान मुझसे कैसे खुश होंगे।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद अब आप समझ गये होंगे की सोमवार उपवास में क्या खाना चाहिए? और उपवास रखने का क्या मतलब है? हमें आशा है आपको ये असली बात समझ आ गई होगी।
इसके बावजूद अगर इस लेख को पढ़कर मन में कुछ सवाल आ रहे हैं की व्रत रखें या न रखें कैसे रखें तो बेझिझक आप हमारी हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर अपने सवालों को शेयर कर सकते हैं साथ ही लेख को अधिक से अधिक सांझा कर दें।