हनुमान जी कलयुग में कहाँ हैं? ऐसे होंगे सच्चे दर्शन

भक्ति की अनूठी मिशाल पेश कर हर हिन्दू का गौरव बढाने वाले हनुमान जी युगों युगों से पूजनीय रहे हैं, सवाल आता है की इस समय अर्थात हनुमान जी कलयुग में कहाँ हैं? कैसे उन्हें पायें?

हनुमान जी कलयुग में कहाँ हैं

रामायण को देखने वाला, समझने वाला प्रत्येक इंसान हनुमान जी को नमन करता है। उनके किरदार ने हमारे दिमाग में उनकी ऐसी छवि बनाई है की बच्चा बच्चा हनुमान जी को पसंद करता है।

और वे लोग जो रोजाना या हर मंगलवार हनुमान जी की भक्ति करते हैं, वे अक्सर यह जानने को आतुर रहते हैं की भला इस कलयुग में हम बजरंगबली के करीब जाकर हम उन्हें कैसे पा सकते हैं?

देखिये जिस प्रकार प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या है और श्री कृष्ण की नगरी मथुरा है ठीक इसी प्रकार प्रश्न खड़ा उठता है की कलयुग में हनुमान जी का गढ़ कहा हैं?

जहाँ पर जाने से हम उनके होने का अहसास कर सकते हैं और हनुमान जी की भक्ति में लीन रहकर उनका आशीर्वाद पा सकते हैं।

हनुमान जी कलयुग में कहाँ हैं? 5 जगहों पर रहते हैं सदा 

रामायण के हजारों वर्ष बीतने के बाद आज भी हनुमान जी के अस्तित्व को लेकर जब भी सवाल उठता है तो इस विषय पर लोगों की मान्यताएं अलग अलग रहती हैं।

कोई मानता है की हनुमान जी आज भी कर्नाटक में मौजूद किष्किंधा नामक क्षेत्र में मौजूद अंजनी पर्वत में निवास करते हैं क्योंकी यहाँ उन्होंने जन्म लिया था।

तो कोई कहता है वो कैलाश पर्वत की उत्तर दिशा में मौजूद गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं, इसी जगह पर अनेक संतों ने तपस्या करके उनके दर्शन भी किये थे। वहीँ कुछ लोग कहते हैं जहाँ जहाँ भगवान राम हैं वहां पर हनुमान जी सदा ही मौजूद रहते हैं।

संक्षेप में कहें तो लोगों की इस विषय पर भिन्न भिन्न मान्यताएं हैं, अब ऐसे में सवाल आता है की क्या हनुमान जी किसी स्थान पर भौतिक रूप से मौजूद हैं? या फिर सच्चाई कुछ और है।

देखिये इस प्रकृति में भौतिक शरीर लेकर जिसने जन्म लिया है उसे एक दिन यह शरीर त्यागना पड़ता है, तो अगर हम कहें की नहीं हनुमान जी किसी स्थान पर बैठे हुए हैं और वहां पर जाने से वो हमें मिल जायेंगे। तो इस बात में तो सच्चाई नहीं है।

आइये जानते हैं वास्तव में हनुमान जी आपको कहाँ पर और कैसे मिलेंगे।

#1. हनुमान चालीसा में मौजूद हैं हनुमान।

हनुमान जी वास्तव में कौन हैं? अगर समझना है तो हनुमान चालीसा को पढ़िए। हनुमान चालीसा की 40 चौपाइयां हनुमान जी के जीवन की गाथा हैं। यही कारण है की बचपन से ही बच्चों को हनुमान जी के महान जीवन से परिचय करवाने के लिए घरों में हनुमान चालीसा का युगों युगों से पाठ करवाया जा रहा है।

और आज भी अनेक घरों में यह परम्परा कायम है। हनुमान चालीसा की प्रत्येक चौपाई अपने आप में अनूठी है पर दुर्भाग्य से जिन चौपाइयों का पाठ हम रोजाना करते हैं यहाँ तक की जो हमें कंठस्थ याद रहती हैं। हम उनका अर्थ नहीं जानते। उदाहरण के लिए हनुमान जी की पहली चौपाई कुछ इस तरह है।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

भावार्थ: हनुमान वो हैं जिन्हें ज्ञानी कहकर सम्बोधित किया गया है, वो जो सब वेदों के ज्ञाता है। कपीस माने जो वानरों में श्रेष्ठ हैं, ज्ञान के कारण हनुमान गुणातीत हो गये हैं अतः उनके ज्ञान से तीनों लोक चमक रहे हैं।

इस तरह जब हम प्रत्येक चौपाई का अर्थ समझते हैं तो हम हनुमान जी के जीवन के निकट आते हैं, और उनकी भक्ति में लीन होते हैं। पेश है हनुमान चालीसा की कुछ चुनिन्दा चौपाइयों का अर्थ इस विडियो में!

#2. राम की सच्ची भक्ति में मिलेंगे हनुमान।

हनुमान जी को कलयुग में पाने का एकमात्र साधन है प्रभु श्री राम की भक्ति। और भक्ति से आशय हमारा महज जय श्री राम के नारे लगाने और भजन कीर्तन करने से नहीं है। अपितु भगवान श्री राम को समझकर उनके जीवन से सीख लेकर स्वयं का जीवन सार्थक करने से है।

जीवन किस तरह जीना चाहिए अगर जानना हो तो हमें राम के पास जाना चाहिए। राम वो हैं जो हमें सिखाते हैं की अगर जीवन को अगर आनन्द, शांति और प्रेम से जीना है तो इन्सान को जीवन अपनी इच्छाओं की पूर्ती के लिए नहीं अपितु धर्म और सच्चाई के आधार पर जीना चाहिए।

राम वो हैं जिन्हें हम त्याग, अनुशासन, वीरता का प्रतीक मानकर पूजते हैं, जिनके दिल में सच्चाई को लेकर इतना प्रेम था की बड़ी से बड़ी चीज़ उन्होंने ठुकरा दी। पर हम ऐसे लोग हैं जो झूठ के आगे, लालच के आगे जल्दी से सर झुका लेते हैं। हम वो हैं जो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए ही एक एक कर्म करते हैं।

पर वास्तव में भगवान राम का जो जान गया, समझ गया की जीवन किस लिए है? और श्री राम हमें क्या सिखाना चाहते हैं तो फिर वह महज भगवान राम का नाम लेने से संतुष्ट नहीं हो पायेगा उसके हर कर्म में राम उसके साथ रहेंगे। उसकी हर सांस में भगवान राम होंगे।

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#3. रामायण के साथ रहते हैं हनुमान।

जहाँ राम वहां हनुमान। तो जिस किसी ग्रन्थ में, कथा में भगवान राम का जिक्र होता है हनुमान जी सदा मौजूद रहते हैं।

चूँकि हमने जाना की हनुमान जी भौतिक रूप से हमारी आँखों को नहीं दिख सकते पर हाँ वो हैं उनके होने का प्रमाण यह है की जब भी भगवान राम की बात होती है तो हमें बजरंगबली याद आ ही जाते हैं।

तो अगर आप रामायण का पाठ करते हैं, या प्रभु श्री राम के जीवन से जुडी किसी भी घटना का वर्णन करते हैं तो याद रखें बजरंगबलि वहां मौजूद रहेंगे। हनुमान जी तो स्वयं कहते हैं की मैं तो महज एक साधन हूँ, साध्य तो भगवान राम है। हम सभी को उन्हें पाना है।

चूँकि रामायण तो श्री राम जी के महान जीवन की गाथा है, इस महाकाव्य में हर जगह राम हैं इसलिए बजरंग बली भी वहां सदा मौजूद रहेंगे।

#4. सच्चाई और वीरता का दूसरा नाम हैं हनुमान।

भरपूर ज्ञान और अथाह बल होने के बाद भी जिनका एक एक कर्म सच्चाई को समर्पित हैं ऐसे हनुमान को हम सभी नमन करते हैं। हम ऐसे लोग हैं जिनके पास थोडा भी ज्ञान आ जाये या हमें थोड़ी पॉवर हासिल हो जाये तो हम उसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए और दूसरे को गिराने के लिए करने लगते हैं।

पर हनुमान जी का जीवन सिखाता है की जीवन में धन, बल, ज्ञान इत्यादि जो कुछ भी श्रेष्ट आपको मिला हुआ है उसका इस्तेमाल करना है सच्चाई के लिए। हनुमान चालीसा की यह चौपाई इस बात को सत्य सिद्ध करती है।

विद्यावान गुनी अति चातुर।

राम काज करिबे को आतुर।।

यानी बुद्धि और ज्ञान से भरपूर हनुमान सदा ही राम का कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं।

और वास्तव में यह चौपाई हमें भी रामकाज करने को प्रेरित करती है। एक बार विद्या आ गयी तो फिर हम रामकाज किये बिना नहीं रह पायेंगे।

राम का दूसरा नाम है सत्य, अतः वो कर्म करना जिस कर्म को करना इन्सान के लिए आज सबसे जरूरी है वही राम काम हो गया। बहुत से ऐसे काम हैं, चुनौतियाँ हैं हमारे सामने जिसे करने के लिए वीरता और सच्चाई के प्रति प्रेम होना जरूरी है।

अगर आप पाते हैं आप अपने जीवन को किसी ऐसे कर्म को करने में समर्पित कर देते हैं तो जान लीजिये हनुमान आपके साथ हैं। लेकिन अगर आपने जिन्दगी को अपनी ही आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूरा करने में लगा दिया है तो समझ लीजिये जीवन बेकार हो गया।

#5. हनुमान जी सदा भक्तों के साथ हैं।

वह इन्सान जो हनुमान जी के जीवन को समझ गया, जो जान गया की हनुमान जी का चरित्र उनके कर्म हमें लालच,डर, झूठ के आगे न झुककर हमेशा सच्चाई के लिए जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। और यह जानते हुए जिसने जिन्दगी को किसी सच्चे और ऊँचे काम को समर्पित कर लिया।

तो जान लीजिये हनुमान जी की भक्ति सफल हो गई। लेकिन अगर हनुमान जी के जीवन के बारे में सबकुछ जानने के बाद भी अगर इन्सान ने जिन्दगी वैसी ही जी, जैसा उसके मन ने, समाज ने उसे सिखाया तो जान लीजिये वह इन्सान हनुमान जी का कितना भी गुणगान कर ले। हनुमान कभी उसके काम नहीं आयेंगे।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद हनुमान जी कलयुग में कहाँ हैं? इस प्रश्न का उत्तर आपको भली भांति मिल गया होगा। अगर अभी भी मन में कोई प्रश्न है तो आप 8512820608 whatsapp नंबर पर अपने विचारों को सांझा कर सकते हैं।

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