क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए? 100% सच्चाई!

अपनी जन्म कुंडली देखने के लिए सभी उत्साहित रहते हैं, लेकिन बहुत से लोगों के मन में ये सवाल आता है की क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए? क्या वहां लिखी बातें सच्ची होती हैं? आइये जानते हैं।

क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए

देखिये शादी, विवाह जैसे मौके पर अथवा जीवन में आ रही मुश्किलों या बाधाओं को दूर करने के लिए प्रायः धार्मिक लोग ज्योतिष या पंडित के पास जाते हैं।

जहाँ उन्हें अपने नाम, जन्मतिथि जैसी सामान्य जानकारियों के माध्यम से उन्हें अपनी कुंडली का पूरा ब्यौरा मिल जाता है, उस कुंडली के माध्यम से ज्योतिष उन्हें ये भी बता देते हैं की आपके जीवन में चल रही समस्या कब ठीक होगी।

और इसके लिए आपको क्या उपाय करना होगा? अब जहाँ अपनी कुंडली को देखकर बहुत से लोग समस्या के समाधान के लिए हरसम्भव कोशिश करने को तैयार हो जाते हैं।

वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो थोड़ी देर रुकते हैं और सोचते हैं क्या सच में मेरी समस्या का कारण और समाधान कुंडली में होगा या फिर असल में सच्चाई कुछ और है?

तो चलिए इसकी हकीकत जानते हैं।

क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए? जानें हकीकत

कुंडली में विश्वास करने या इसे पूरी तरह इंकार करने का फैसला इन्सान तभी ले सकता है जब उसे सच्चाई मालूम हो। और चूँकि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक जो विज्ञान पर यकीन रखते हुए जीवन जीते हैं दूसरा वे जो धर्म पर यानि शास्त्रों में लिखी बातों पर यकीन करते हैं।

इसलिए हमें लगता है सच्चाई जानने के लिए धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों नजरिये से इस मुद्दे को देखना जरूरी है। अतः आपको सत्य यह ले जाने के लिए हम कुंडली के विषय पर धर्म और विज्ञान दोनों क्या कहते हैं। इस पर जरा गहराई से चर्चा करेंगे।

जिसे समझने के बाद आप इस पोस्ट के अंत में आप खुद ये फैसला कर सके की आपको कुंडली में विश्वास करना चाहिए या नहीं। ध्यान दें अगर आपको इस विषय पर कोई समस्या आती है तो बेझिझक आप अपने प्रश्न हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर whatsapp कर सकते हैं।

धर्म के अनुसार कुंडली में विश्वास करना चाहिए? जानिये सच

चूँकि भारत एक धार्मिक देश रहा है, अतः सदियों से यहाँ लोग धार्मिक परम्पराओं का पालन करते आ रहे हैं। और आश्चर्य की बात है लेकिन सच ये है की अधिकांश लोग जो खुद को धार्मिक कहते हैं उनका कुंडली, ज्योतिष में गहरा यकीन होता है।

लेकिन सच्चाई ये है की सनातन धर्म, कुंडली,ज्योतिष, राशिफल इत्यादि इन चीज़ों का समर्थन नहीं करता और न ही इन चीज़ों को मानने के लिए इन्सान को विवश करता है।

और इस बात का स्पष्ट प्रमाण ये है की सनातन धर्म की केन्द्रीय पुस्तक उपनिषद और भगवद्गीता में कहीं भी कुंडली इत्यादि का न तो वर्णन किया गया है और न ही इन बातों को मानने की बात कही गई है।

तो ये कहना की हमारे शास्त्र ये कहते हैं ऐसा बिलकुल नहीं है। हालाँकि अगर आप सोच रहे हैं की भगवद्गीता में नहीं लिखा तो क्या हुआ अनेक ऐसी पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं जिनमें ज्योतिष की बात लिखी हुई है।

तो क्या उन पुस्तकों में लिखी गई ज्योतिष विज्ञान की बातें धार्मिक नहीं है और क्या वो झूठी है।

देखिये हिन्दू धर्म एक वैदिक धर्म है, अर्थात वेद हमारे सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ हैं। अतः कोई बात धार्मिक है या नहीं हमें समझना होगा की वेदों में वो लिखी है या नहीं।

और वेद भी चूँकि अलग अलग हैं और उनमें कई सारी बातें लिखी हैं।

अतः वेदों में मौजूद ज्ञान का सार (summary) है वेदान्त, और वेदान्त की मुख्य पुस्तक है उपनिषद, जिसमें कहीं भी कुंडली को मानने की बात नहीं लिखी है।

अतः वे लोग जो कहते हैं मैं एक सनातनी हूँ उन्हें उपनिषद अथवा भगवदगीता पढना चाहिए। तब जाकर उन्हें मालूम होगा की धर्म के नाम पर ज्योतिष, टोना टोटका और जितनी बातें करते हैं उनका धर्म से कुछ भी लेना देना नहीं है।

और ये बात याद रखें हमारा सनातन धर्म हजारों वर्ष पुराना है ऐसे में यदि कोई व्यक्ति या समुदाय धर्म के नाम पर कोई भी पुस्तक लिख देता है तो इससे ये साबित नहीं हो जाता की वो धर्म धार्मिक है।

हमारा धर्म वैदिक है तो हमें वेदों के पास जाना ही होगा। ठीक वैसे जैसे एक सिक्ख गुरुवाणी का पालन करता है, एक मुस्लिम कुरान को पढता है इसी प्रकार हम हिन्दुओं को भी अपनी केन्द्रीय पुस्तक उपनिषद पढने ही होंगे।

क्योंकि वहीँ से आप धर्म क्या है? धर्म क्या सीख देता है? आप जान पाएंगे। अन्यथा धर्म के नाम पर आपको कोई भी कुछ भी कह देगा आप उसे मान लेंगे।

तो अगर आप स्वयं को धार्मिक कहते थे तो अब आप जान गए होंगे की धर्म कुंडली, ज्योतिष इत्यादि पर भरोसा करने के लिए कहता है अथवा नहीं।

विज्ञान के अनुसार कुंडली में विश्वास करना चाहिए?

ऊपर हमने कुंडली के विषय में धर्म की राय जानी अब बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो कहते हैं की बताओ ज्योतिष द्वारा कही बातों का सम्बन्ध विज्ञान से है? क्या उन बातों में कोई लॉजिक या फैक्ट है तभी तो हम मानें।

तो देखिये धर्म की तरह विज्ञान भी आपको कुंडली पर विश्वास करने के लिए नहीं कहता। क्योंकि विज्ञान का जो पूरा क्षेत्र है वो विषयों के बारे में हैं।

विज्ञान आपको किसी भी वस्तु या विषय की जांच पड़ताल करके उसकी पूरी जानकारी आपके सामने रख देगा।

विज्ञान मशीन का निर्माण करता है और उस मशीन को जो आप निर्देश देंगे उसी के अनुसार आपको वो डाटा दे देगा।

उदाहरण के लिए कम्प्यूटर पर कुंडली निकालने का कोई टूल बना सकते हैं, लेकिन कंप्यूटर द्वारा जो कुंडली दिखाई जा रही है उस कुंडली को देखकर आपको उसपर यकीन करना चाहिए या नहीं ये आप पर निभर करता है।

ठीक इस तरह विज्ञान किसी भी तरह का डाटा, जानकारी आपको दे सकता है लेकिन उस जानकारी का इस्तेमाल कैसे और कब करना है ये पूरी तरह इन्सान पर छोड़ देता है।

तो संक्षेप में कहें तो विज्ञान आपको कुंडली में लिखी बातों से दुखी होने या खुश होने की सलाह नहीं देता। ये आपकी मर्जी है उसे मानें या न मानें।

कुंडली में विश्वास करना चाहिए? या नहीं अंतिम बात।

देखिये अब हमने धर्म और विज्ञान दोनों के नजरिये से देख लिया है की कुंडली में भरोसा करना चाहिए या नहीं इसके बाद अब आप सोच रहे हैं की आपकी कुंडली में किसी तरह के दोष बन रहे हैं?

और आपको लग रहा है उन दोषों के कारण आपकी जिन्दगी और बिगड़ जायेगी तो सवाल आता है ऐसे में क्या करें?

देखिये एक समझदार इंसान वो होता है जो अपनी समस्याओं का समाधान करें। मान लीजिये किसी व्यक्ति को कैंसर की बीमारी है अब ऐसी स्तिथि में उसे कुंडली देखकर अपने कुंडली दोष को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए।

या भागकर डॉक्टर के पास इलाज की प्रक्रिया को शुरू करना चाहिए? भाई। इलाज करवाना चाहिए तभी तो बचेगा न।

पर लोगों को ये सीधी बात समझ ही नही आती। अगर उनकी शादी नही हो रही तो वो सोचते हैं की कुंडली में किसी तरह का मंगल दोष होगा।

अरे नहीं भाई। विवाह जब होना होगा टाइम से हो जायेगा, इतनी फ़िक्र मत करो। जिन्दगी का उद्देश्य समझो। और अपने जन्म को सार्थक करो।

पर लोग तमाम तरह की पूजा अर्चना करते हैं और सोचते हैं विवाह हो जायेगा।

और चूँकि विवाह तो सभी करते हैं तो जो इन्सान सोच्च रहा था मेरी कुंडली की वजह से मेरा विवाह नहीं हो रहा है अगर संयोग से उसकी शादी कही हो जाती है।

तो वो कहते हैं की देखो मेरी तो शादी कुंडली के दोष समाप्त होने के कारण हुई। अरे भाई, दुनिया में करोड़ों लोग हैं जिनकी शादी हो चुकी है तो आपकी हो गई तो क्या हम इसे दैवीय चमत्कार मानें।

नहीं न, इसी तरह लोग पैसे के लिए, रिश्तों में अनबन होने पर कुंडली पर दोष देते हैं। वे खुद नहीं देखते की मैं कितना खराब हूँ क्योंकि अपने उपर जिम्मेदारी लेने पर स्तिथियों को ठीक करने में मेहनत लगती है न।

तो वो कह देते हैं की ये सब ग्रहों की वजह से हो रहा है। याद रखें धर्म आपको नहीं कहता फ़ालतू की चीज़ों को मानने को धर्म आपको सच्चाई को जानने और सच्चाई में जीने की बात कहता है।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद क्या कुंडली में विश्वास करना चाहिए? अब आप भली भाँती जान गए होंगे। इस पोस्ट को पढ़कर मन में कोई सवाल बाकी है तो उपरोक्त Whatsapp हेल्पलाइन नम्बर पर बताएं, साथ ही लेख को अधिक से अधिक शेयर करना बिलकुल मत भूलियेगा।

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