मंगली दोष क्या है? जानें प्रभाव, नुकसान और परेशानी से मुक्ति

किसी इन्सान की कुंडली में मंगली दोष का होना शुभ नहीं माना जाता पर वास्तव में मंगली दोष क्या होता है? यह दोष कैसे आता है? इस दोष से कैसे बचें? इस विषय पर साफ़ साफ घर परिवार में हमें कोई नहीं बताता।

मंगली दोष के लक्षण

इसलिए आगे से जब भी आपको मंगली दोष शब्द सुनाई दे आपको तुरंत इसकी हकीकत मालूम हो जाए, इसी उद्देश्य के साथ आज हम मंगली दोष से जुडी तमाम जानकारी आपको इस लेख में देने जा रहे हैं।

इस टॉपिक को सरल बनाने हेतु हमने इसे दो भागों में बांटा है। पहले भाग में हम मंगली दोष से जुडी लोकमान्यताओं पर चर्चा करेंगे जबकी दूसरे अंश में हम वास्तु दोष का सच आपके सामने लेकर आयेंगे।

अतः ध्यान से पूरी बात को समझने हेतु आपसे निवेदन है की इस लेख को अंत तक पढ़ें, साथ ही इस सम्बन्ध में आपका कोई प्रश्न है तो बेझिझक आप इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।

मंगली दोष क्या होता है? कब लगता है?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इन्सान की जन्म कुंडली में जब मंगल गृह पहले, चौथे, सातवे, आठवे या बारहवें स्थान पर काबिज हों तो ऐसी स्तिथि कुंडली में मंगल दोष को जन्म देती है।

हालाँकि कई ज्योतिष विवाह के दौरान इन्सान मांगलिक है अथवा नहीं इस बात का फैसला कुंडली में चन्द्र, शुक्र और सूर्य ग्रह की स्तिथि के आधार पर लेते हैं।

बता दें मंगली दोष के कारण इन्सान के वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की बाधाएं आने के संकेत मिलते हैं।

यही कारण है की जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगली दोष पाया जाता है उसका विवाह गैर मांगलिक इन्सान से होना मुश्किल होता है। ज्योतिष साफ़ साफ़ कहते हैं की ऐसे इन्सान के लिए ऐसी ही कन्या या वर ढूंढनी चाहिए जिसकी कुंडली में मंगली दोष है।

और चूँकि समाज में अधिकांश लोग कुंडली के आधार पर मांगलिक नहीं होते अतः वह व्यक्ति जो मांगलिक है और अपनी परम्परा के अनुसार शादी करना चाहता है उसके लिए अपने लिए मनपसन्द पार्टनर ढूँढना बड़ा मुश्किल हो जाता है।

पढ़ें: मांगलिक दोष होना शुभ है या अशुभ

मंगली दोष के लक्षण | मंगली दोष के नुकसान 

जिस इन्सान की कुंडली में प्रायः मांगलिक दोष होता है उसका सीधा प्रभाव उसकी निजी जिन्दगी पर पड़ता है, जीवन के महत्वपूर्ण फैसले जैसे विवाह का निर्णय लेने, समझदारी से पैसे खर्च करने जैसे अनेक मामलों में उसे नुकसान झेलना पड़ता है।

ज्योतिषियों के अनुसार जो इन्सान मांगलिक है उसे अपने जीवन में निम्नलिखित प्रभाव देखने को मिलते हैं।

#1. सही उम्र में विवाह न होना, विवाह के उपरान्त रिश्ते में अनबन होना, पति पत्नी के बीच क्लेश होना।

#2. इन्सान का कर्ज में डूबना तथा जमीन सम्बन्धी गलत फैसले करना।

#3. ससुराल में रिश्तेदारों के बीच बने हुए सम्बन्धों में मिठास गायब होना।

#4. अकारण गुस्सा आना, गुस्से में गलत कार्यों अथवा फैसलों को अंजाम देना।

#5. मान्यता रहती है की विवाह के बाद शारीरिक क्षमता में भी गिरावट आ जाती है जिससे बेहतर शारीरिक सम्बन्ध बनाने में बाधा आती है।

#6. कुछ कारणों से पति पत्नी के बीच कई बार कलह इतना बढ़ जाता है की मामले तलाक के लिए चले जाते हैं।

#7. कुंडली में मंगल की स्तिथि कमजोर होने से व्यक्ति को अनेक क्षेत्रों में असफलताओं का सामना करना पड़ता है।

तो साथियों यह कुछ प्रमुख लक्षण एक मंगली में पाए जाते हैं, समाज में लोग ही नहीं अपितु पंडित अथवा ज्योतिष भी इन संकेतों की पुष्टि करते हैं।

चूँकि अभी इस लेख के पहले भाग में हैं जहाँ हम मान्यताओं की चर्चा कर रहे हैं तो अब हम आपको मांगलिक दोष से बचने की वो विधि बताने जा रहे है जिसे लोगों द्वारा अपनाया जाता है अथवा ज्योतिषियों द्वारा जिस विधि को अपनाने की सलाह दी जाती है।

मंगली दोष हटाने के लिए प्रचलित उपाय 

रीती रिवाज तो बदलते रहते हैं भारत में तो हर त्यौहार या यूँ कहें की हर प्रथा को अलग अलग तरीकों से अपनाया जाता है, ठीक वैसे दीपावली का त्यौहार देश के विभिन्न राज्यों में अलग अलग अंदाज में मनाया जाता है ठीक उसी तरह समाज में मंगली दोष को हटाने के लिए भी अलग अलग विधियाँ उपयोग में लाई जाती है।

अतः उन सारी विधियों की चर्चा करने में बहुत समय की बर्बादी होगी इसलिए हम आपके समक्ष ज्योतिष शास्त्र में मौजूद मंगली दोष को हटाने की लोकप्रिय विधियों का नाम उजागर करने जा रहे हैं:

#1. मांगलिक दोष को काटने के लिए मंगलवार के दिन गणेश जी की एक मूर्ती ले आयें, नियमित रूप से उसकी पूजा करें, ऐसा करके मंगली दोष कटने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।

#2. वे लोग जो नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं उन्हें भी राहत मिलती है।

#3. मंगली दोष के कारण उत्पन्न होने वाली परेशानियों से बचने के लिए आप घर में मेहमानों को मिठाई खिलाकर भी उनका स्वागत कर सकते हैं।

#4. मांगलिक होने पर लड़की का कुंभ विवाह, विष्णु विवाह या फिर अश्वत्थ विवाह करवाया जाता है।

#5. ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान जी को सिन्दूर चढाने से भी मंगली दोष कटता है।

#6. यही नहीं जो व्यक्ति सच्चे मन से शिव जी को जलाभिषेक करता है, उसके जीवन से मांगलिक दोष कम होता है।

#7. वह वर या वधु जिसे मांगलिक दोष है वो शादी से पूर्व 43 दिन पहले नीम का पेड़ लगाकर यदि उसकी नियमित देख रेख करती हैं तो इससे भी मांगलिक दोष कटता है।

तो साथियों ये सभी वे विधियाँ हैं, जो आमतौर पर मांगलिक लोगों द्वारा मांगलिक दोष को काटने के इस्तेमाल में लाई जाती हैं, अब हम इस लेख के दूसरे भाग की तरफ बढ़ते हैं।

मंगली दोष का सच और इससे बचने का एकमात्र उपाय

उपर हमने विस्तार में मंगली दोष से जुडी उन सभी बातों की चर्चा की जो आज समाज में हम देखते हैं पर अब हम आपको जो सच बताने जा रहे हैं उसे जान गये तो मांगलिक दोष के कारण होने वाली किसी भी समस्या का समाधान आपको मिल जायेगा।

देखिये, मंगली दोष के नाम पर सदियों से जितना लोगों को डराया जा रहा है वो सब महज एक भ्रम है उसमें कोई सच्चाई नहीं। और इस पूरे खेल से और डर से मुक्ति पाने का एकमात्र उपाय है सच्चाई को जानना।

जी हाँ, मांगलिक दोष की ये जो प्रणाली है इसका न तो कोई वैज्ञानिक आधार है न ही धार्मिक महत्व। क्योंकी ये बात तो आप भली भाँती जानते हैं विज्ञान को ज्योतिष, किस्मत, जादू टोना इत्यादि में कोई यकीन नहीं होता।

तो विज्ञान तो साफ साफ मंगली दोष को खारिज कर देता है।

अब बात की जाए धार्मिक नजरिये की तो अधिकांश लोग जो भगवान को मानते हैं वो कहते हैं की धर्म में ही तो ये सब लिखा है, इसलिए ज्योतिष और ये मांगलिक होना ये सब तो धार्मिक बातें हैं इसलिए हमें इन चीजों पर यकीन है।

पर सच्चाई तो ये है की चूँकि हमने अपने मूल अथवा केंदीय पुस्तक उपनिषद को नहीं पढ़ा है अतः हम किसी भी ऐरी गैरी पुस्तक को शास्त्र मान लेते हैं।

अरे भाई। जिस तरह हर धर्म की एक केन्द्रीय पुस्तक होती है न, हिन्दुओं की केन्द्रीय पुस्तक है उपनिषद, अगर वो नहीं पढ़ी तो भगवद्गीता पढ़िए, वहां कृष्ण अर्जुन को धर्म सिखा रहे हैं लेकिन आपको कहीं कहते नहीं मिलेंगे की अर्जुन मंगली दोष, वास्तु दोष इत्यादि पर यकीन करो।

ये चीज़ें तो वेदों के बहुत बाद अस्तित्व में आई, पता नहीं किस मकसद से ये पुस्तकें लिखी गई जिनमें जादू टोना, वास्तु दोष इत्यादि की बात कही गई है।

तो अब बताइए आप हिन्दुओं के सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ वेदों को हकीकत मानेंगे या फिर कोई भी इन्सान जिसने अपनी पुस्तक छाप दी हो उसको सच मानेंगे।

ऐसा ही हुआ है हमारे साथ, हमने पहले तो धर्म के नाम पर इन तर्कहीन चीजों पर विश्वास किया और फिर इन्हीं चीजों ने हमें बहुत दुखी किया।

उदाहरण के लिए आप पहले से ही मंगली दोष इत्यादि पर भरोसा करते हैं न तभी तो आपको शादी के टाइम पर अच्छा पार्टनर देखने से ज्यादा कुंडली की फ़िक्र रहती है।

पर वो इन्सान जो इन चीजों पर यकीन नहीं करता वो इन सब फालतू की चीजों से बच जाता है। इसलिए सनातन धर्म क्या है? और ये मन क्या है? ये चीजें समझनी बहुत जरूरी है।

विशुद्ध धर्म तो साफ़ साफ कहता है विज्ञान को मानो, अन्धविश्वास को त्यागो। पर हम तो अन्धविश्वासी बनकर ही जीना पसंद करते हैं।

जी हाँ लेख को पढ़कर अभी भी मन में मांगलिकता को लेकर सवाल बाकी हैं तो बेझिझक उपरोक्त whatsapp नम्बर 8512820608 पर अपने सवाल सांझा कर सकते हैं।

पढ़ें: अंधविश्वास को दूर करने के 6 उपाय| इनके सिवा कोई तरीका नही

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद मंगली दोष क्या होता है? इस दोष से निपटने के एकमात्र उपाय क्या है? अब आप यह भली भाँती जान गये होंगे। लेख को पढ़कर जीवन में सच्चाई और स्पष्टता आई है तो इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर अवश्य करें।

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