छोटे बच्चों की नजर उतारने के अचूक उपाय| जरुर आजमायें!

आज हम आपको वो सीक्रेट बात या विधि बताने जा रहे हैं जिससे की हमेशा के लिए आप अपने बच्चों को किसी की बुरी नजर से मुक्त कर सकते हैं। बस इस लेख में दिए गए छोटे बच्चों की नजर उतारने के उपाय ध्यान से पढने होंगे।

छोटे बच्चे की नजर कैसे उतारें

अगर आप अपने बच्चे में पिछले कुछ समय से चिडचिडापन, रोना, जिद्द करना, खाना न खाने जैसी दिक्कतें देख रहे हैं और आपको शक है उस पर किसी की बुरी नजर लगती है तो आपका शक करना तो बनता है।

देखिये घर के छोटे बच्चे परिवार की रौनक होते हैं, पर जब उन मासूम बच्चों पर किसी की बुरी नजर लग जाती है या कोई उनपर टोटका कर उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो हमें बेहद बुरा लगता है।

बच्चे सभी को प्रिय होते हैं चाहे अपने हो या दूसरे के, पर कई बार अचानक उनके व्यवहार में बदलाव आता है और वे उदास और परेशान रहते हैं तो उनसे अधिक चिंता घर के बड़े सदस्यों को होने लगती है।

और एक माँ के मन में अनेक तरह के विचार आने लगते हैं उन्हें लगने लगता है की कहीं बाहर खेलते हुए या किसी के घर जाते हुए किसी के टोटके या बुरी नजर से तो ये सब नहीं हो रहा है। ऐसे में माँ तरह तरह की विधियाँ आजमाती हैं।

छोटे बच्चों में नजर लगने के लक्षण | Heading

किसी की बुरी नजर बच्चे में पड़ने के बाद सामान्यतया उसके व्यवहार और उसकी जिन्दगी में निम्नलिखित परिवर्तन दिखाई देते हैं।

  • बच्चे की नियमित तबियत खराब होना।
  • बच्चे का चिडचिडा होना।
  • समय पर खाना न खाना।
  • बच्चे के कारण घर में अशांति होना।
  • बच्चे को डरावने सपने आना
  • रातों को नींद न आना।

तो यह कुछ प्रमुख लक्षण हैं, जिनको देखकर माँ को चिंता होती है। आइये अब हम समस्या से बाहर निकलने के उपाय  जानते हैं।

छोटे बच्चों की नजर उतारने के उपाय|100% कारगर विधि

एक माँ बच्चे की नजर उतारने के लिए क्या क्या नहीं करती, कई बार समस्या जल्दी ठीक हो जाती है तो कई बार यह बुरी नजर का चक्र बच्चे को लम्बे समय तक परेशान करता है। तो चाहे आपकी समस्या कितनी ही बड़ी या छोटी क्यों न हो अब आप बेफिक्र हो जाइए।

अब हम आपके साथ वो सीक्रेट शेयर करने जा रहे हैं जिससे की आजीवन आप अपने बच्चों की किसी बुरी नजर, किसी के टोटके के प्रभाव से दूर रख सकते हैं। और उन्हें एक निडर और सुन्दर जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।

आपसे निवेदन है आगे कही गई एक एक बात को ध्यान से पढ़ें इसके बाद मन में कोई प्रश्न रह जाये तो बेझिझक इस Whatsapp number 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं।

#1. नजर उतारने से पहले ये सच जानें।

देखिये हम सभी ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ कुछ बातों पर सवाल करने की इजाजत बिलकुल नही होती बस हमें चुपचाप वो मान लेनी पड़ती है।

और उन्हीं बातों में ये बात भी शामिल होती है की इन्सान को बुरी नजर से बचना चाहिए।

देखिये अच्छी और बुरी नजर जैसा कुछ नहीं होता। हम सभी सीमित क्षमताओं के साथ पैदा हुए जीव हैं, हममें से किसी की भी आँखों में ऐसा कुछ विशेष नहीं होता जिससे की हम किसी को देखते ही उसका नुकसान कर सके।

पर सवाल आता है अगर ऐसा नही होता तो फिर बुरी नजर क्यों लगती है? और पंडित या ज्योतिष जो विधि बताते हैं उससे बुरी नजर कैसे दूर हो जाती है?

तो देखिये समझने वाली बात ये है की जो इन्सान जैसा मानता है उसके लिए वैसी ही विधियाँ अपनानी पड़ती है।

जो ये मानता है की भूत प्रेत होते हैं तो कुछ ऐसा बताया जाता है जिससे की भूत प्रेत का डर उसके मन से निकल जाए।

क्योंकी भूत तो नहीं होते पर डर तो लगता है न, तो फिर मन से डर निकालने के लिए विधियाँ निकालनी पड़ती है।

इसी तरह बुरी नजर जैसा कुछ नहीं होता पर जो लोग इन चीजों पर यकीन करते हैं उनको कुछ उपाय बताये जाते हैं जिससे की बुरी नजर का डर उनके मन से खत्म हो जाये।

संक्षेप में कहें तो ये सब मन का भ्रम है, इसमें सच्चाई नहीं है। भ्रम मिटता है तो समस्या भी मिट जाती है।

तो अब ये जानने के बाद अब बच्चे के मन से इस भ्रम को निकालना ही आपका अगला कदम होगा। क्योंकी बच्चे को तो लगता है ये सब हकीकत में होता है और इसका इलाज अब आपको करना होगा।

#2. नजर उतारने की कोई विधि अपनाएँ।

सबसे पहले नमक या नींबू मिर्ची का उपयोग करके किसी भी पारम्परिक विधि से छोटे बच्चे की नजर उतारें। (आप कोई भी टोटका कर सकते हैं जो आपको पता हो)

यह करना जरूरी है क्योंकी ऐसा करके बच्चे को ये लगेगा की जो कुछ मेरे साथ हो रहा था वो अब नहीं होगा क्योंकी बुरी नजर का इलाज कर दिया गया है।

उपरोक्त विधि अपनाने के बाद जब आपको लगे बच्चे का मन शांत है तो अभी आपका काम खत्म नही हुआ है, आजीवन उसके मन से बुरी नजर, काली शक्ति, जादू टोने का डर खत्म करने के लिए आपको आगे बताये उपाय अपनाने होंगे।

#3. बच्चों को धार्मिक ग्रथों से परिचित करवाएं।

हम ऐसे लोग हैं जो बुरे समय में तो जल्दी से भगवान का नाम ले लेते हैं पर अच्छे समय में भगवान से हमारा कोई वास्ता नहीं होता।

बहुत से हिन्दू परिवारों में अब बच्चों को रामायण, भगवद्गीता जैसे धर्मग्रन्थ पढाये ही नहीं जाते। परिणाम ये होता है की वे न तो धर्म को जान पाते और न ही धर्म के नाम पर हो रहे अन्धविश्वास को।

और इसमें गलती सिर्फ बच्चों की नहीं है हमारी स्वयं की भी है। हमने खुद कभी श्री राम को नहीं समझा, हमने खुद ने कभी भगवदगीता नहीं पढ़ी तो हमें भले उनका महत्व कैसे पता होगा।

जब हम जानते की राम कौन हैं? और राम का जीवन हमें क्या सिखाता है तो कहीं न कहीं हम बच्चों तक भी राम की सीख ले जाते पर दुर्भाग्य से धर्मग्रन्थों से हमारा कोई नाता नहीं होता और फिर खुद तो अन्धविश्वास में जीते हैं साथ में बच्चों को भी जीने पर विवश करते हैं।

धर्मग्रन्थों के पास जाने के अनेकों फायदे हैं जिसमें पहला तो आप ये जानेंगे की सनातन धर्म क्या है? दूसरा आप जानेंगे की जिस जादू टोने, बुरी नजर इत्यादि की बात करके दूसरों को डराया जाता है उसका उल्लेख कहीं भी धर्मग्रन्थों में नहीं है।

साथ ही आपको एक ऊँचा और महान जीवन जीने की सीख मिलेगी।

#4. बच्चों को नजर हटाने की हकीकत बतलाएं।

एक बार जब आपको लगे बच्चों के मन से बुरी नजर का डर गायब हो रहा है और वो खुश दिखाई दे रहे हैं तो अब उन्हें वो सच बताएं जो आप जानते हैं।

उन्हें बताएं की देखो बेटा, भले समाज में लोग बुरी नजर की बातें करते हैं पर तुम विज्ञान को पढो, धर्मग्रन्थ भगवदगीता, उपनिषदों को पढो आपको पता चलेगा की ये बातें सच नहीं है।

इसलिए अगर कोई आगे से आपको डराए तो इन बातों पर यकीन मत करना और उनसे कहना की मेरे धर्मग्रन्थ में कहीं भी ये बात नही लिखी आप ये झूठी बात बोल रहे हैं।

इस तरह जब तुम सच्चाई के साथ जियोगे तो तुम्हें कोई भी गलत बातों से डरा नहीं पायेगा।

#5. बच्चों को एक आजाद और निडर जीवन जीना सिखाएं।

माँ बाप और अभिभावक होने के नाते सभी की यह इच्छा रहती है की बच्चे ऊँचे कर्म करे और बेहतर जिन्दगी जिए।

पर आज के बच्चों को माता पिता सच्चाई जानने और सच्चाई के साथ जीने की बजाये उन्हें बताते हैं की कैसे जिन्दगी में तुम अधिक से अधिक नाम, पैसा और शोहरत कमा सकते हैं।

और परिणाम यह होता है फिर बच्चा अपनी कामनाओं (इच्छाओं) की पूर्ती की उस अंधी रेस में दौड़ लगाता है और अपने सपनों को पूरा करने की इस यात्रा में वो भूल ही जाता है की ये जिन्दगी रुपया पैसा, इज्जत कमाने के लिए नहीं बल्कि अपने बन्धनों से मुक्ति के लिए मिली थी।

और मुक्ति तभी सम्भव है जब हम सच्चाई की राह में बढ़ें।

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#6. अन्धविश्वास की काट आत्मज्ञान और सच्चाई में है।

कहने को तो हमारा देश विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, पर आज भी हम कुरीतियों, जादू टोने और तमाम तरह के अंधविश्वासों में फंसे हुए हैं।

दुर्भाग्य ये है की परिवार में सभी शिक्षित होते हैं लेकिन भूत प्रेत और टोने टोटके इत्यादि कई चीजों पर इन्सान का भरोसा कायम रहता है।

और अंततः ऐसे लोग जो खूब पढ़े लिखे और ऊँचे पदों पर काम करते हैं वे लोग अपनी परेशानी का समाधान ढूँढने के लिए ज्योतिष और तांत्रिको के पास जाते हैं।

अन्धविश्वास का एक ही इलाज है आत्मज्ञान। और जब तक हम आत्मज्ञानी नहीं हो जाते तब तक इस संसार में हमारा मन हमें उन चीजों से डराता रहेगा जिन चीजों का कोई अस्तित्व है ही नहीं।

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#7. बच्चे के माहौल पर ध्यान दें।

बच्चे को बुरी नजर और तमाम तरह के टोने टोटके से बचाना है तो उसकी परवरिश पर ध्यान देना होगा।

आपका बच्चा कहाँ से बातें सीख रहा है, किन लोगों के साथ वो समय बिताता है, उसकी संगती पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।

अगर आप उसे ऐसे लोगों के साथ छोड़ रहे हैं जो बस उसके भीतर गंदे विचारों को जन्म दे रहे हैं तो समझ लीजिये वह माहौल उसके लिए जहर है।

माता पिता होने के नाते आपका कर्तव्य है बच्चे को ऊँची से ऊँची शिक्षा दे, उसे सिर्फ स्कूली पढ़ाई तक सीमित न रखें, आज तक दुनिया के प्रमुख विचारकों, दार्शनिकों ने ऊँची से ऊँची जो बात कही है उसके सामने रखें।

यही आप का फर्ज होता है।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद आपको छोटे बच्चों की नजर उतारने के उपाय आपको मालूम हो गए होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल बाकी है तो आप बेझिझक 8512820608 इस whatsapp नम्बर पर सांझा करें साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी कर दें।

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