देवी माँ की साधना कैसे करें? 101% सफलता पायें!

देवी माँ को खुश करके परिवार में सुख शान्ति, धन समृद्धि पाने की इच्छा के साथ हर दिन इन्टरनेट पर लोग देवी माँ की साधना कैसे करें? यह सवाल सर्च करते हैं। अगर आपकी भी यही ख्वाहिश है तो यह लेख आपको जरुर पढना चाहिए।

देवी माँ की साधना कैसे करें

कहते हैं माँ के सामने सर झुकाने से जब हमें अपने हर दुख में शांति मिलती है, तो जब एक साधक उन्हें पाने  के लिए रोजाना साधना करेगा तो माँ की अनुकम्पा से उसे वो फल प्राप्त होगा जिसकी उसने कभी कामना न की होगी।

जी हाँ, यदि आप भी देवी मां की साधना कर अद्भुत शक्तियों को पाना चाहते हैं और उन शक्तियों का प्रयोग किसी अच्छे कार्य में करना चाहते हैं तो आप इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और किसी तरह का प्रश्न होने पर whatsapp नम्बर 8512820608 पर सम्पर्क करें।

देश में अनेक लोग माँ की साधना के लिए कठोर साधना करते हैं लेकिन उन्हें मन मुताबिक़ फल नहीं मिल पाता और वह निराश हो जाते हैं। लेकिन अगर आपकी नियत साफ़ है तो निश्चित रूप से देवी माँ की साधना का इतना लाभ होगा की आपकी जिन्दगी बदल जायेगी।

आइये सबसे पहले जानते हैं की

देवी माँ की साधना का रहस्य| जो सच छुपाया गया

देवी माँ शब्द आते ही हमारे दिमाग में छवि आती है मंदिरों में, मौजूद मूर्तियों की, घंटियों की और भक्तों की जो माँ के आगे सर झुकाते हैं।

हमें लगता है देवी माँ कोई आसमान में बैठी नारी है जो प्रसन्न होने पर इंसान को सुख और नाराज होने पर दुखी करती है।

सच्चाई इससे अलग है, वास्तव में माँ कोई व्यक्ति या ऊपर किसी लोक में विराजमान देवी नहीं है, वो है।

पर वैसे नहीं जैसे हम सोचते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी वेदों को पढने पर आप पाएंगे वहां किसी भी भगवान, देवी का जिक्र नहीं किया गया है। मंदिर, देवताओं की कहानियां जो हम पढ़ते हैं वेदों की रचना के हजारों वर्ष बाद पुराणों में देखने को मिलती है।

पुराणों से हजारों वर्ष पूर्व उपनिषद अस्तित्व में आये। जिन्हें सनातन धर्म का शीर्षतम ग्रन्थ माना जाता है। इन ग्रन्थों में मुख्यतया तीन विषयों की बात कही गई है जो की अहम्, संसार और आत्मा है।

  • अहम् यानी हमारे भीतर की मूल वृति, जिसे हम “मन” कहते हैं।
  • मन जिसकी कल्पना कर सके, जिसे इन्द्रियां देख सके, बात कर सके वह संसार/प्रकृति है।
  • आत्मा यानी सत्य, सच्चाई का दूसरा नाम ही आत्मा होता है।

चूँकि मन हमारा इसी संसार यानि प्रकृति से जुडा रहता है, अच्छा बुरा, आकर्षण/विकर्षण सब उसे यही महसूस होता है। मन ही है जो यहाँ तमाम तरह के दुःख पाता है।

चूँकि मन पाना तो सच्चाई यानी आत्मा को ही चाहता है, क्योंकि सच्चाई से ही मन को शांति मिलती है, मन आनंदित होता है। पर चूँकि मन अज्ञानी होता है, भ्रम में यह आत्मा को पाने की चाह में उलटे पुल्टे काम करता है।

अतः प्रकृति को ही देवी माँ मानकर पूजा जाने लगा। क्योंकी प्रकृति ही तो है जिसके माध्यम से मन आत्मा तक यानि सच्चाई तक पहुँच सकता है। और मन ही है जो इस दुनिया के झूठ में फंसकर दुख पाता है।

इसलिए प्रकृति को महामाया कहा गया है, उसी को महां माँ कहा गया। और फिर इसीलिए मन्दिरों में मूर्तियाँ बनाई गई, ताकि हम प्रकृति के आगे नमित हो सके और यह याद कर सके की माँ तू ही तो है जिससे हमें हमारे कष्टों से मुक्ति मिल सकती है और तुझे न समझने की वजह से हमें कितने कष्ट भोगने पड़ते हैं।

इसलिए भारत में देवी मां को खूब माना गया, उनके नाम से मंदिर बनाये गए। तमाम तरह के ग्रन्थ और कहानियां रची गई जिसमें माँ की महिमा का बखान किया गया। उन सभी के पीछे संदेश यही था की प्रकृति यानी माँ बहुत शक्तिशाली है जिसने इसे समझ लिया वो इस संसार की माया से बाहर आ गया।

लेकिन जिसने सच्चाई के स्थान पर संसार को बहुत महत्व दे दिया। उसको यही घोर कष्ट मिलेंगे। तो ये था देवी माँ से जुड़ा असली सच।

पर चूँकि उस समय लोग इतने विद्वान् नहीं थे अतः उन्हें समझाने के लिए फिर मूर्तियों के रूप में प्रतीक बनाये गए। ताकि लोग ये समझ सके की जिस माता की मूर्ती को हम पूज रहे हैं, वास्तव में ये प्रकति है।

और इसी बात को और गहराई से समझाने के लिए फिर आगे त्रिगुणात्मक प्रकृति की बात कही गई है। जिसमें माँ के तीन रूप सत जिसमें माँ सरस्वती को पूजा जाता है ,रज यानी मां लक्ष्मी , और तम यानी माँ काली को पूजा जाता है।

संक्षेप में कहें तो प्रकृति को माँ मानकर फिर देवी के अनेक रूपों की बात कही गई और फिर इस तरह आगे चलकर भिन्न भिन्न देवियों के अनुसार अलग अलग उपासक हुए।

देवी माँ की साधना कैसे करें?

देवी माँ का वास्तविक अर्थ समझने के बाद मुझे लगता है देवी माँ के विषय में जो कल्पना हमारे द्वारा की जाती है, साथ में उनसे जुडी चमत्कारिक शक्तियों का दावा बड़े बड़े तथाकथित बाबा या गुरुओं द्वारा किया जाता है आप उसका सच जान गये होंगे।

असल में लोगों को बहकाकर अपनी जेब गर्म करने का लालच इन्सान से क्या करवा सकता है अगर ये जानना है तो देख लीजिये धर्म, देवी, भगवान के नाम पर आज कितने अन्धविश्वास हो रहे हैं।

अतः देवी माँ वास्तव में कौन हैं? ये जानने के बाद यदि आप वास्तव  में देवी माँ की साधना करना चाहते हैं तो मुझे लगता है सर्वप्रथम आपको अपने धर्म से जुडी कुछ बातें मालूम होनी चाहिए।

इन विषयों को समझ लेने के बाद आप पाएंगे देवी माँ को समझना ही वास्तव में उनकी साधना है।

क्योंकि अधिकांश लोग देवी माँ को समझते नहीं, वे नहीं जानते प्रकृति यानी माया के खेल में फंसकर कैसे इन्सान जीवन भर दुःखी परेशान रहता है।

माया के इस जादू से बचे रहना आसान नहीं होता, देखा है न कई बार किसी काम को करने से मन बड़ा खुश रहता है और तभी थोड़ी देर बाद फिर मन दुखी हो जाता है। अतः जो लगे है वो वास्तव में होता नहीं यही माया का खेल है।

जरा सा आप ध्यान लगायेंगे तो आप पाएंगे की मन को इस संसार में कुछ भी दे दिया जाए ये तो तृप्त और शांत होता ही नहीं।

इसलिए जानने वालों ने कहा की मन को तृप्त करना है तो फिर वह इस संसार में अलग अलग चीजों के पीछे भागने और उन्हें भोगने से नहीं होगा।

इस मन को सच्चाई का दास बना लो। फिर आप इस मन से मुक्ति पा लोगे। इसे कुछ ऐसा दे दो जिसे पाकर इसे अपना ख्याल ही न रह जाए तो फिर ये शांत हो जायेगा।

उदाहरण के लिए कई बार होता है न की सामने किसी को चोट लगी हो तो हम जल्दी से उसकी साहयता के लिए पहुँच जाते हैं, उस वक्त मन को अपना ख्याल ही नही रहता।

इस तरह जब आपके जीवन में करने के लिए ऐसा जरूरी काम/लक्ष्य मिल गया, जिसे करना आपका धर्म है तो फिर आप अपने मन को खुश करने का ध्यान नहीं रहता, जब अपने ही मन की परवाह नहीं होगी तो फिर किसी भगवान की या और लोगों की कैसे होगी।

तो जीवन में सही लक्ष्य बनाओ उसमें डूब जाओ यही देवी माँ की साधना है। जान गए ये संसार क्या है? और फिर इस संसार में एक सही लक्ष्य बनाने का इरादा कर लिया, यही देवी माँ की सच्ची साधना होगी।

फिर वास्तव में आपके कर्म ही आपकी पूजा बनेंगे।

पढ़ें: जिन्दगी में करने योग्य क्या है?

माँ दुर्गा को बुलाने का मंत्र?

यदि आपको लगता है किसी मन्त्र का जाप कर लेने से आपके जीवन में माँ दुर्गा का आशीर्वाद आएगा, आपके घर में धन सम्पन्नता आ जाएगी। तो प्रिय पाठक बता दें मन्त्रों में ऐसी कोई जादुई शक्ति नही होती जिसका जप कर लेने से आपके घर में भगवान आ जायेंगे।

अगर वाकई माँ दुर्गा को अपने जीवन में स्थान देना है तो माँ की बताई गई सीख का पालन कीजिये। सच्चाई के रास्ते पर चलिए, झूठ, डर और लालच का विरोध कीजिये। सच्चाई के सामने सर झुकाइये और सच्चा जीवन जियें। और ऐसा करने से माँ दुर्गा आपके जीवन में स्वयं आएगी, माँ तो चाहती है उसका बेटा एक अच्छा इन्सान बनें।

मां दुर्गा की सिद्धि कैसे प्राप्त होती है?

माँ दुर्गा की सिद्धियां प्राप्त करके यदि आप जीवन में शान्ति, आनन्द लाना चाहते हैं और तमाम तरह के दुखों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो एक ही उपाय है माँ दुर्गा के जीवन से सीख लेकर झूठ और कपट को मिटाकर जीवन में सच्चे मार्ग पर चलना ही माँ दुर्गा को पा सकते हैं।

माँ दुर्गा की आरती कर लेने से और मन्त्र उच्चारण करने से माँ दुर्गा की कृपा नहीं आएगी।

FAQ

मां की शक्ति कैसे प्राप्त करें?

माँ की शक्ति को माँ का सच्चा भक्त ही प्राप्त कर सकता है। एक सच्चे भक्त से आशय उस इन्सान से है जिसे आत्मा से यानि सच्चाई से प्रेम हो। जिसके लिए जीवन में सच्चाई से बड़ा कोई स्थान नहीं होता।

देवी कैसे प्रसन्न होती है?

जब माँ देखती है की उसका बच्चा सच्चाई के लिए मुश्किलों को भी पार करने, अपने भीतर बैठे लालच,डर जैसे दुश्मन को मरने के लिए तैयार है तो फिर देवी माँ प्रसन्न होती है।

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद देवी माँ की साधना कैसे करें? देवी माँ वास्तव में कौन हैं? ये आप भली भाँती जान गए होंगे, अगर अभी भी मन में कोई सवाल है तो आप इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं।

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