हनुमान जी के भक्तों के लिए मंगलवार का दिन और संध्या काल में पूजा का समय बेहद विशेष होता है। अगर आप भी हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए हनुमान जी की पूजा कितने बजे करनी चाहिए? जानना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए है।
कहाँ जाता है राम अगर मंजिल हैं तो उस मंजिल तक पहुँचने का द्वार शुरू होता है हनुमान जी से, इसलिए वे लोग जो सच्चे भाव से हनुमान जी को पूजते हैं, उनके आदर्श जीवन से कुछ सीखते हैं।
ऐसे लोगों को राम जी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। अगर आप भी भक्ति भाव से हनुमान जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस लेख में बताई गई ख़ास बातें आपके बेहद काम आ सकती हैं।
इस लेख में बताई बातें आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। अतः लेख का पूर्ण लाभ लेने हेतु इसे शुरू से लेकर आपको अंत तक अवश्य पढना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?
कहते हैं हनुमान जी की पूजा करने का सर्वोत्तम समय सुबह का है, प्रातः काल उठकर स्नान करके हनुमान जी की मूर्ती के समक्ष बैठने से और उनका ध्यान करने से व्यक्ति को मन में असीम शान्ति मिलती है साथ ही उसे अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है।
इसके अलावा हनुमान जी की पूजा सूर्यास्त के बाद संध्या काल में भी की जा सकती है।
श्रेष्ठ तो यही है की व्यक्ति सुबह और शाम दोनों समय उनका नाम लें, पर व्यस्त दिनचर्या के चलते अगर व्यक्ति सायंकाल में भी हनुमान जी के नाम का दिया जलाता है, हनुमान जी को भजता है।
तो इससे हनुमान जी का आशीर्वाद उसकी जिन्दगी में सदा बना रहता है। मान्यता है जिन लोगों के ऊपर हनुमान जी की कृपा होती है वो हमेशा टोना टोटका, जादुई शक्ति, बुरी नजर इत्यादि से बचे रहते हैं।
तो ये तो रही मान्यता, जो आपको अक्सर किसी भी पंडित अथवा किसी अन्य सज्जन व्यक्ति द्वारा हनुमान जी की पूजा के विषय में बतला दी जायेगी।
अब हम आपको एक राज की बात बताते हैं जिससे आप तमाम तरह की बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं।
हनुमान जी की पूजा का मिलेगा ऐसे खास लाभ
बहुत से लोग हनुमान जी की नित्य पूजा पाठ करते हैं लेकिन फिर भी उनकी जिन्दगी में बेचैनी, बोरियत,डर और निराशा के भाव रहते हैं। अर्थात मन उनका शांत नहीं रहता वो कुछ पाने के लालच या कुछ खो जाने के डर से परेशान रहते हैं।
अगर नियमित रूप से पूजा पाठ करके भी आप पाते हैं की आपकी जिन्दगी में दुःख बहुत हैं तो ये ख़ास बातें जानकर भगवान की पूजा से आपको अवश्य लाभ मिलेगा।
#1. पूजा का उद्देश्य जानें।
हम लोगों के मन में पूजा पाठ को लेकर ये धारणा बनी है की पूजा करेंगे तो भगवान खुश होंगे और वो खुश होंगे तो हमारी इच्छाएं पूरी होंगी। और इसी गलत धारणा के चलते हमारा ध्यान पूजा पर कम और अपनी इच्छा पर ज्यादा होता है।
उदाहरण के लिए एक बच्चा जिसे परीक्षा में पास होना है अगर वो भगवान की पूजा कर रहा है तो क्या वो ख़ुशी से या भक्ति से पूजा कर रहा है, उसकी नजर तो परीक्षा के परिणाम पर है।
इसी तरह हमें खुद से पूछना होगा की क्या मैं कुछ पाने या अपनी इच्छा पूरी करने के लिए तो भगवान को नहीं पूज रहा हूँ? अगर ऐसा है तो फिर पूजा करने का कोई लाभ नहीं।
कबीर साहब कहते हैं –
फल कारन सेवा करे, करे ना मन से काम| कहे कबीर सेवक नहीं, चाहै चौगुना दाम
तो कुछ पाने की इच्छा से मत जाइए भगवान के पास, हनुमान जी के पास देने के लिए आपको बहुत कुछ है, पर वो आपको मांगने पर नहीं देंगे वो खुश होकर आपको देंगे जब आप समझेंगे की वो कितने बड़े दाता है।
आइये जानते हैं हनुमान जी क्या विशेष हमें दे सकते हैं।
#2. हनुमान जी से पायें ये अद्भुत शक्तियाँ।
हम सोचते हैं, हनुमान जी से थोडा धन ले लें, उनकी कृपा से समाज में इज्जत मिल जाये या फिर कुछ और। पर वास्तव में हनुमान जी जो हमें कुछ ऐसा दे सकते हैं जिसकी कोई कीमत नहीं और वो है ज्ञान, बल, सच्चाई, प्रेम और शांति।
अब बताइए लेना चाहेंगे ये अनमोल चीज़ें। वास्तव में हर कोई पाना इन्हीं को चाहता है। शांति ऐसी चीज़ है जो हर मनुष्य चाहता है पर नासमझी के कारण वो जो भी काम करता है उससे वो अशांत ही रहता है।
पर रामायण में हनुमान जी के किरदार को ध्यान से देखें तो आप पाएंगे की बड़े से बड़े काम करने के बाद भी हनुमान जी के मन में शांति है, करुणा है। उनको देखकर लगता ही नहीं की ये व्यक्ति कोई काम कर रहा होगा।
पर सच्चाई ये थी की भरपूर बुद्धि, बल होने के बाद भी वो राम जी का काम कर रहे थे। विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर।
तो अगर आपको भी जीवन में शांति, प्रेम, करुणा चाहिए आप दिन भर के कार्यों से उब चुके हैं जिन्दगी में कुछ भी कर लो मन तृप्त नहीं होता तो फिर आपको एक बार हनुमान जी के किरदार को अवश्य समझना चाहिए।
आप चाहें तो दोबारा रामायण देख सकते हैं या फिर हनुमान चालीसा की एक एक चौपाई को ध्यान से समझ सकते हैं, इस सम्बन्ध में हमने आपके साथ ये विडियो शेयर किया है।
क्योंकि एक बार इस विडियो को देखकर आप समझ गए की हनुमान जी कौन हैं? और उनकी कृपा हमें कैसे मिल सकती है? तो फिर आपके सारे कष्ट यूँ ही मिट जायेंगे।
आप जान लेंगे की मैं तो यूँ ही व्यर्थ में दुखी, परेशान था हनुमान जी को देखो सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए कितने मौज में जी रहे थे।
#3. सांसारिक ज्ञान है बेहद जरूरी।
अब हो सकता है बहुत लोगों के मन में ये विचार आये की भक्ति करने के लिए, दुनियादारी का ज्ञान होना क्यों जरूरी है? भला, भगवान तो मन में होते हैं तो विज्ञान, अर्थव्यस्था ये सारी चीज़ें पढने या जानने की क्या जरूरत।
तो देखिये इस बात में कोई दो राय नहीं की बिना संसार का ज्ञान हासिल किये बिना भी प्रभु की भक्ति में लीन हुआ जा सकता है। पर हम क्या कहना चाहते हैं आइये इसे एक उदाहरण के लिए समझ सकते हैं।
दो व्यक्ति हैं जिसमें से एक है जिसने दुनिया में कुछ कमाया नहीं है, न ही ज्यादा पढ़ाई की है। अब ऐसा इन्सान अगर भक्ति करे तो इसके मन में सम्भव है की एक लालच रहे की क्या पता भक्ति करने से मुझे सुख सुविधाएँ मिल जाए।
दूसरी तरफ एक व्यक्ति है जिसने पहले से ही पैसा कमाया है और उसे विज्ञान की और दुनियादारी की समझ है। अब चूँकि इस व्यक्ति का मन दुनिया से उठ चुका है ये जान गया है की दुनिया में रुपया पैसा, इज्जत ये सब मन को शांत नहीं करता।
इनसे मिलने वाली ख़ुशी क्षण भर की होती है। अब ऐसा इन्सान कोई चीज़, वस्तु पाने के लिए भगवान के चरणों में नहीं जायेगा वो इसलिए जायेगा क्योंकि वो जान चुका है एकमात्र शांति तो प्रभु के चरणों में हैं।
मैं प्रभु का दास बन जाऊं और जो भगवान कहे मैं उस रास्ते पर चलूं तो ही मेरा कल्याण हो सकता है।मैंने देख लिया है अपने किए तो मैं कुछ भी करता हूँ वो गलत ही होता है।
तो अब वो स्वयं को राम के चरणों में ले जाकर समर्पित कर देता है। इसलिए कहा जाता है की वे लोग जो वाकई हनुमान जी की या परमात्मा की भक्ति करना चाहते हैं।
वो दुनिया की हकीकत को जानें ताकि वो ये उम्मीद छोड़ सकें। की जो सुख, जो चैन हम यहाँ दुनिया में खोज रहे हैं वो तो मिलेगा ही नहीं, मिल भी गया तो बस पल भर के लिए। सच्चा सुख तो राम नाम में है।
#4. आत्मज्ञान करेगा बेडापार!
ऊपर हमने जाना की हनुमान जी की सच्ची भक्ति के लिए दुनियादारी का ज्ञान जरूरी है। पर इसी के साथ साथ एक चीज़ जो सबसे जरूरी है वो है आत्मज्ञान।
आत्मज्ञान माने ईमानदारी से ये देख लेना की मैं कौन हूँ? मेरे भीतर कितना लालच और डर है और किस तरह मैं सच्चाई के रस्ते पर चलने की बजाय झूठ का सहारा लेकर चलता हूँ ये जानना ही आत्मज्ञान है।
जमीनी भाषा में कहें तो मैं खुद कितने गहरे पानी में हूँ, मैं खुद कितने गड्डे में हूँ। ये समझना आत्मज्ञान है। आमतौर पर जब भी दो लोग बात करते हैं तो वो संसार में बाहर क्या चल रहा है? क्या नहीं इस बारे में बात करते हैं।
पर कोई ये नहीं कहता की मैं कैसा हूँ? मैं कोई काम क्यों कर रहा हूँ? इसलिए तो कबीर साहब को कहना पड़ा बाहर के पट बंद कर, भीतर के पट खोल।
यानी दुनियादारी की बात छोडो, ये छोड़ों की दुनिया में लोग कितने बुरे हैं और क्या वो कर रहे हैं? ये देखो क्या मैं ठीक हूँ? क्या मैं अपना काम जिम्मेदारी से कर रहा हूँ।
बिलकुल होगा बाहर लोग गंदगी फैला रहे होंगे पर देखो क्या मैं उन लोगों में से हूँ जो गंदगी करते हैं या उनमें से हूँ जो साफ़ कर रहे हैं?
इस तरह आत्मज्ञान की जो पूरी प्रक्रिया है वो हमें हमारी असलियत दिखाती है, और जो जान गया की एक बार वो कैसा है? तो फिर उसे बदलना होता है क्योंकि बदलने में बहुत मेहनत लगती है।
इसलिए हम ऐसे लोग हैं जो आत्मज्ञानी होने से डरते हैं। ये ठीक वैसी ही बात है जैसे कोई अपना शरीर का चेकअप करवाने से डरता है क्यों?
क्योंकि पता चल गया की भीतर खूब बीमारियाँ हैं तो इलाज करवाना पड़ेगा। और उसमें तमाम तरह की रोकटोक होगी।
इससे बेहतर है की जो होना है होने दो हम सच्चाई से पर्दा डाल देंगे।
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#5. सच्चे कर्म करके होगा जन्म सार्थक।
एक बार जो समझ गया हनुमान जी की सच्ची भक्ति उन्हें दिन रात पूजने से या सिर्फ राम नाम जपने से नहीं होगी। बल्कि सच्ची भक्ति तब होगी जब मेरे कर्म सच्चे होंगे।
जिस तरह हनुमान जी, राम जी की सेवा करके सच्चाई का काम कर रहे थे। उसी तरह आज जैसे दुनिया में बहुत से गलत काम हो रहे हैं लोगों का, जीवों का शोषण हो रहा है।
ऐसे समय में मैं कुछ ऐसा करुँगा जिससे समाज का, जीवों का कल्याण हो। चाहे मुझे पैसा कम ही मिले पर मैं कोई ढंग का काम करके जन्म को सार्थक करूंगा।
तो फिर हनुमान जी का विशेष बल, उनका आशीर्वाद मनुष्य को मिलता है। और फिर वो जीवन में कुछ ऐसा विशेष करता है जिससे उसका जन्म सफल होता है।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख में हनुमान जी की पूजा कितने बजे करनी चाहिए? अब आप जान गए होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल है तो 8512820608 पर whatsapp करें। साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।