ब्रह्म मुहूर्त को लेकर लोगों के बीच अनेक मान्यताएं हैं कोई कहता है इस समय उठकर ध्यान करने से दैवीय अनुभव होते हैं, तो कोई कहता है आपको परमात्मा के दर्शन होते हैं, पर ब्रह्म मुहूर्त क्या होता है? स्पष्ट जवाब किसी के पास नही होता।
हिन्दू धर्म में मुहूर्त पर खास बल दिया जाता है, घर में मांगलिक कार्य से लेकर विवाह तक अधिकांश कार्य मुहूर्त को देखकर किये जाते हैं। लेकिन सभी मुहूर्तों में से ब्रहम मुहूर्त खास है। प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि उठकर ब्रह्म मुहूर्त में तप और ध्यान करते थे।
अधिकांश लोगों के लिए ब्रह्म मुहूर्त शब्द रहस्यमई है। लोगों को लगता है सुबह जल्दी उठकर ध्यान करना ही ब्रह्म मुहूर्त का उद्देश्य है पर सच्चाई जानकर आपको जानकार हैरानी होगी क्योंकी ब्रह्म मुहूर्त से जुडी जिन बातों को हम हकीकत मानते आये हैं उनमें से अधिकतर बातें व्यर्थ हैं झूठी हैं।
जी हाँ ऋषियों ने जब वेदों में, उपनिषदों में ब्रह्म मुहूर्त शब्द का वर्णन किया तो इसके माध्यम से वो बहुत ऊँची और महत्वपूर्ण बात समझाना चाहते थे। आइये जानते हैं की
ब्रह्म मुहूर्त क्या होता है? वस्तविक अर्थ
जो समय इन्सान को उसकी हकीकत से रूबरू करवा दे, जो उसे उसके यथार्थ से परिचित करवाकर उसे जिन्दगी में सही फैसला लेने के लिए प्रेरित करे वह खास समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता हैं।
अन्य शब्दों में जिस समय ब्रह्म यानि सत्य से उद्भूत विचार, कर्म किये जाये वह ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। उदाहरण के लिए किसी गुरु के निकट बैठने से हमें खुद का और संसार का सत्य मालूम हो तो वही समय ब्रह्म मुहूर्त हो गया।
अब भले वह समय रात के 1 बजे हो सुबह के पांच इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सत्य कालातीत है वो समय के पार का है। उसे हम समय के घेरे में कैद नहीं कर सकते। इसलिए ब्रह्म यानी सत्य की बातचीत को लेकर कोई विशिष्ठ समय निर्धारित नही किया जा सकता।
अगर रामयाण को आप रात के 1 बजे इस इरादे से पढ़ रहे हैं ताकि आप राम के जीवन से सीख ले सके तो आपका यही समय ब्रह्म मुहूर्त हो गया। अब मन में प्रश्न आ सकता है की सुबह के समय को ही ब्रह्म मुहूर्त क्यों कहा गया है?
देखिये सुबह के समय में चूँकि वातावरण शांत होता है अतः किसी विषय पर ध्यान लगाना सरल होता है इसलिए प्राचीन काल में जल्दी उठकर शिष्य और गुरु के बीच सत्य की चर्चा होती थी। इसलिए वही समय श्रेष्ठ मान लिया गया।
सत्य से सुन्दर और श्रेष्ठ कुछ भी नहीं, इसलिए सच जानने की ख्वाहिश सभी में होती है। अतः कोई भी धार्मिक पुस्तक, गुरु, दोस्त या इंसान आपको सत्य जानने में मदद करे, आपको सवाल पूछकर सत्य खोजने में सहायता करे तो जान लीजियेगा वह ख़ास समय ब्रह्म मुहूर्त हो गया।
प्रायः हम जैसे जीते हैं उसमें सच्चाई कहीं होती नहीं, हमारा तो एक एक कर्म एक एक विचार हमें बताता है की सच्चाई के इरादे के साथ नहीं जी रहे हो अपनी इच्छाओं की खातिर जी रहे हो। और यही हमारे दुखों का कारण है।
इसलिए अधिकांश लोग जो पाते हैं जिन्दगी में दुःख, मजबूरियां, लालच,डर बहुत है जान लीजिये वो सत्य से अभी बहुत दूर हैं। उन्होंने वो सच से नहीं अपितु भ्रम और डर से ज़िन्दगी जी रहे हैं।
जानें: सत्य क्या है?
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से क्या होता है?
ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ है वो विशिष्ठ समय जब आपके लिए सत्य के सिवा दूसरा कुछ महत्वपूर्ण नही होता। अगर आप पाते हैं कोई ग्रन्थ, कोई गुरु, कोई मित्र आपको जीवन की हकीकत से रूबरू करवाने में मदद कर रहा है।
तो समझ लीजिये यही समय ब्रह्म मुहूर्त है और इस समय आँखें और दिमाग खुली रखने का लाभ यह होगा की आप भी सच्चाई को जान पायेंगे।
पर अगर ब्रह्म मुहूर्त में इंसान इसलिए उठना चाहता है ताकि वह किसी तरह की अद्भुत शक्तियों को पा ले, वह व्यापार में नौकरी में तरक्की हासिल कर सके या फिर उसके रिश्ते सुधर जाए और वह शांति और सुकून को पा सके तो फिर ये एक छलावा है।
ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान कर लेने से आपको कुछ नहीं मिल सकता ये चीजें तो आपको खुद ही सुधारनी होंगी। अगर व्यापार में नुकसान हो रहा है तो व्यापार में हो रहे घाटे का कारण पता करके उस समस्या के निवारण पर आपको खुद विचार करना होगा।
रिश्ते खराब हैं तो स्वयं ही देखना होगा की इसकी वजह क्या है और फिर सही उपाय खोजना होगा।
जो यह जान गया की ब्रह्म मुहूर्त में उठने से मनोकामनाएं पूर्ण नहीं होती बल्कि जीवन का सत्य मालूम हो जाता है, इंसान सच्चाई के रास्ते पर चलने लगता है वो फिर गलत उम्मीद रखना बंद कर देता है। और तमाम तरह के दुखों से भी बच जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त का समय क्या होता है?
वह समय विशेष हो जाता है जब आप सच्चाई को समर्पित हो जाते हैं, जब आपके विचार, आपके सभी कर्म सत्य से उद्भूत होते हैं तो यही समय ब्रह्म मुहूर्त हो जाता है। अर्थात 24 घंटों में से यदि कोई इन्सान एक घंटा सत्य जानने का प्रयास करता है।
सच्चाई की खातिर कोई कार्य करता है तो समझ लीजिये वह एक घंटा उसके लिए ब्रह्म मुहूर्त है। और बाकी के अन्य घंटे जिसमें वह अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूरा करने के लिए कर्म करे वो सामान्य घंटे होते हैं।
खास बात यह है की अध्यात्मिक व्यक्ति के जीवन का हर एक पल ब्रह्म मुहूर्त में गुजरता है, क्योंकी आध्यात्मिक इन्सान सत्य का बड़ा प्रेमी होता है, एक बार सत्य उसे पता चल गया तो फिर वह अपनी जिन्दगी ही उसे समर्पित करने का इरादा रख लेता है।
उदाहरण के लिए इन्सान एक बार जान गया की मेरी भीतरी हालत कैसी है, मेरे अंदर कितनी कमजोरियां है। अब उन कमजोरियों से जो लड़ने का इरादा रख ले वो इंसान वास्तव में अध्यात्मिक हो गया।
इसी तरह जो इंसान साफ़ नियत के साथ देख ले दुनिया में क्या क्या चीजें आज भ्रष्ट हो चुकी हैं, प्रकृति कैसे विनाश की कगार में हैं।
ये सच जानते हुए जो प्रकृति को बचाने के लिए कर्म करे वो अध्यात्मिक इंसान है, अब ऐसा इन्सान उठेगा, बैठेगा, कोई भी कर्म करेगा सब ब्रह्म मुहूर्त में गिने जायेंगे। तो संक्षेप में कहें तो जो इन्सान ब्रह्म को जान गया और उसी में जी रहा है समझ लीजिये उसके लिए हर समय ब्रह्म मुहूर्त घटित हो रहा है।
ब्रह्म मुहूर्त में नहाने से क्या होता है?
ब्रह्म मुहूर्त का सीधा सम्बन्ध है सच्चाई से है, अगर इरादा साफ़ है, सच्चाई निस्वार्थ भाव से आप कोई जरूरी काम कर रहे हों और उसमें नहाने की आवश्यकता पड़ रही है तो जिस पल आप नहायें वही समय ब्रह्म मुहूर्त है। और सच्चाई के उद्देश्य से आप जो भी कर्म करो शुभ ही होते हैं अतः आपका नहाना भी शुभ होगा।
पर प्रायः समाज में लोगों को लगता है ब्रह्म मुहूर्त से आशय सुबह के 3 बजे से है, और इस समय उठकर यदि स्नान कर भगवान् का ध्यान किया जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
पर अफ़सोस ऐसे लोग ये नहीं समझते की आज तक जितनी कामनायें पूरी हुई हैं उनसे हमें संतुष्टि नहीं मिली तो आगे और कामनाएं करने से क्या लाभ होगा।
दुर्भाग्य वश ऐसा करने से कामनायें पूरी हो या न हो एक बात तय है इन्सान ब्रह्म यानि सच्चाई से दूर हो जाता है। और जो ब्रह्म के पास नहीं है उसका नहाना, पूजा करना, ध्यान करना सब एक पाखंड है, उससे उसे कोई लाभ नहीं होगा।
ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से क्या होता है?
ब्रह्म मुहूर्त में भगवान की पूजा यदि आप इस उद्देश्य से कर रहे हैं ताकि आप भगवान राम के करीब आ सके। राम का दूसरा नाम है सत्य और इस सत्य को खोजने के लिए, उस सत्य को पाने के लिए आप सुबह चार बजे किसी ग्रन्थ को ध्यानपूर्वक पढ़ रहे हैं तो यही भगवान की पूजा है।
लेकिन इसके बजाय आप ब्रह्म मुहूर्त में पूजा इसलिए कर रहे हैं ताकि जिन्दगी में कोई नयी गाडी आ जाये, घर में सुख सुविधाएं और पैसे आ जाए। तो देखिये कोई भगवान आपकी मुराद नहीं पूरी करने वाले। ये सब चीजें तो संसार में मेहनत करने से खुद ही मिल जाती हैं तो भला इन चीजों के पीछे क्या पड़ना।
सिर्फ सच्ची पूजा तभी होगी और इस पूजा का लाभ भी आपको होगा जब आप जानेंगे ब्रह्म क्या है? सत्य जीवन के लिए क्यों जरूरी है? निष्काम कर्म करके ब्रह्म को कैसे पाया जाता है? जैसे ऋषि, संत या फिर महान क्रन्तिकारी थे वे भगवान की आरती करने, घंटी बजाने में यकीन कम रखते थे।
बल्कि सच्चाई जानने और सच्चाई को जीने में बड़ी आस्था रखते थे इसलिए जीवन में उन्होंने वो कर दिखाया जो आम इन्सान सोच नही नहीं सकता। उदाहरण के लिए शहीद भगत सिंह को नास्तिक कहा जाता है लेकिन सत्य,ब्रह्म या परमात्मा का स्थान जो उनके मन में था शायद किसी के भी नहीं।
इसलिए उन्होंने सच्चाई के खातिर अपने प्राण देना कहीं जयादा उचित समझा बजाय झूठ, और गुलामी का जीवन जीने से।
ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप से क्या होता है?
कोई भी मन्त्र जाप या कोई भी विधि यदि तुम्हारे भीतर के लालच, डर को खत्म करके आपको शान्ति और सच्चाई से जीने में मदद करे तो आप उस विधि का पालन सुबह 3 बजे या दिन के किसी भी समय कर सकते हैं।
लेकिन आप पाते हैं ब्रह्म मुहूर्त में आप इसलिए उठ रहे हैं ताकि आपकी कोई इच्छा पूरी हो सके आप दुनिया के सुख भोग सकें।
तो समझ लीजियेगा मन्त्र जाप या पूजा पाठ आपके कोई लाभ नहीं आयेगा। कोई भी भजन, मन्त्रों का जाप अगर जीवन में आपको सत्य के करीब आने में सहायता करता है तो ब्रह्म मुहूर्त में मन्त्र जाप आपके लिए बेहद लाभदाई हो सकता है।
पर मन्त्र जाप इसलिए कर रहे हैं ताकि कोई शक्ति प्राप्त हो और उससे आप व्यापार में और जिन्दगी में दुश्मनों को घूल चटा सको। तो समझ लीजियेगा इस इरादे से की गया कोई भी कर्म सफल नहीं हो सकता।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस पोस्ट को पढने के बाद ब्रह्म मुहूर्त क्या होता है? ब्रह्म मुहूर्त में उठने का लाभ क्या है? अब आप भली भाँती जान गए होंगे। इस पोस्ट को पढने के बाद अभी में मन में कोई प्रश्न है तो आप 8512820608 नम्बर पर Whatsapp कर सकते हैं। साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी कर दें।