वे लोग जो धन प्राप्ति की इच्छा पूर्ती के लिए माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं मान्यता है ऐसे लोगों को नाखून कब काटने चाहिए और कब नहीं इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अन्यथा घर में पैसे की कमी, अशांति, दरिद्रता जैसी कई सारी बीमारियाँ जन्म ले सकती हैं, अतः आज हम आपको नाखून काटने से जुड़ा एक सीक्रेट बताने जा रहे हैं जिसे जो समझ लेगा उसे जिन्दगी में सभी तरह की आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी।
देखिये, नाख़ून काटना अपने आप में कोई बुरी या अच्छी बात नहीं है पर वे लोग जो धर्म पर और ज्योतिष पर अक्सर यकीन करते हैं उन्हें कुछ विशेष कार्यों को करने के लिए ज्योतिषियों की राय सुननी पड़ती है।
तो आइये सबसे पहले हम जानते हैं की नाखून काटने को लेकर ज्योतिष शास्त्र क्या कहता है और उसके बाद हम आपको लॉजिक के आधार पर एक उपयोगी बात बतायेंगे।
ज्योतिषियों के अनुसार नाखून कब नहीं काटने चाहिए?
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक कुछ दिन नाखून काटना निषेध अथवा अशुभ होता है, इन दिनों में नाखून काटने से इन्सान को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार के दिन नाखून काटने से बजरंगबली नाराज होते हैं, अतः वे लोग जो हनुमान जी के भक्त हैं और उनकी कृपा जीवन में बनाए रखना चाहते हैं वे इस दिन बाल और नाखून नहीं काटते।
और साथ ही ज्योतिषियों के अनुसार नौजवान अथवा विवाहित लोगों को गुरूवार के दिन भी बाल काटने की मनाही होती है, मान्यता है गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है अतः इस वार को नाखून काटने से कुंडली में दोष उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है।
इसके अलावा शनिवार का दिन चूंकि शनिदेव भगवान का होता है अतः इस दिन बाल और नाखून काटना सख्त वर्जित माना जाता है।
इस डर से की कहीं कुंडली में शनि की स्तिथि प्रभावित न हो जाये और शनिदेव भगवान नाराज न हो जाये लोग इस दिन नाखून नहीं काटते हैं।
यही नहीं रविवार का दिन सूर्य भगवान का होता है अतः मान्यता है इस दिन भी नाखून काटना शुभ नहीं होता।
नाखून नहीं काटने की ये प्रथा हजारों वर्षों से आज भी चली आ रही हैं, आज भी धर्म में आस्था रखने वाले लाखों लोग भगवान के डर से इन परम्पराओं का पालन करते हैं।
नाखून कब काटने चाहिए? शुभ वार के दिन मिलेंगे फायदे |
अब तक हमने मान्यताओं के आधार पर जाना की नाख़ून कब नहीं काटने चाहिए तो अब सवाल आता है नाखून काटने के लिए सबसे सही वार कौन सा है?
देखिये ज्योतिषियों की मानें तो शिव जी के दिन सोमवार को नाखून काटने के लिए सबसे शुभ माना जाता है, इस दिन हाथों की गंदगी को दूर करने के साथ इन्सान कई तरह की छोटी मोटी शारीरिक बीमारियों से भी मुक्त होता है।
साथ ही नाखून काटने से जुडी दूसरी मान्यता के अनुसार बुधवार के दिन नाखून काटने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं, इन्सान को नौकरी और व्यापार में तरक्की हासिल करने के अवसर प्राप्त होते हैं अतः यह दिन भी नाखून काटने के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी का होता है अतः वे लोग जो मेहनत करते हैं और घर में धन की कमी से निपटना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए शुक्रवार के दिन नाखून काटना सर्वोत्तम लाभकारी माना जाता है।
नाखून कब काटने चाहिए कब नहीं जानें सच्चाई।
देखिये अगर हम विज्ञान की द्रष्टि से अर्थात तर्कों के आधार पर कहें तो नाखून काटना न ही शुभ होता है और न ही अशुभ।
हालाँकि इन्सान जो मानता है उसका असर उसकी जिन्दगी में जरुर पड़ता है, उदाहरण के लिए अगर मैं मानता हूँ की सोमवार के दिन नाखून काटना शुभ है।
तो नाखून काटने के बाद अगर कोई छोटी बात भी अगर मुझे खुश करेगी तो मैं कहने लगूंगा की ये सब सोमवार के दिन नाखून काटने से शिव की कृपा के कारण हुआ है।
इसी तरह अगर शनिवार के दिन नाखून काटना अशुभ होता है ये मैंने मान लिया तो अगर इस दिन जरा भी कोई परेशानी आएगी तो मैं कहूँगा ये सब तो शनिदेव महाराज की इच्छा से हुआ है।
पर वह व्यक्ति जो इन बातों पर विश्वास नहीं करता असल में उसे न तो ये बात शुभ लगती है और न ही अशुभ वो दिन रात जब समय मिले तब नाखून काट लेता है।
वो कहता है इन्सान के कर्म जैसे होते हैं उसी के हिसाब से फल मिलता है, अगर मेरे जीवन में कोई समस्या है तो वो इस कारण नहीं है क्योंकी मैंने शनिवार के दिन नाखून काटे हैं बल्कि मैंने कोई गलती की होगी तब उस समस्या का फल मुझे मिला है।
उदाहरण के लिए मुझे व्यापार में घाटा हुआ है तो मैं देखूंगा किस कारण से मुझे हानि हुई है, क्या करने से बिजनेस में सुधार हो सकता है।
तो इस तरह विज्ञान और अध्यात्म कहता है की इन्सान की जिन्दगी में परेशानी का कारण कुंडली या ज्योतिष नहीं बल्कि इन्सान खुद होता है और उसी के पास प्रॉब्लम से बाहर निकलने का भी रास्ता होता है।
पर कई सारे लोग ये जानते हुए भी की मैं जिन मान्यताओं पर चल रहा हूँ उसपर चलकर आज तक लोगों को कोई लाभ नहीं मिला है फिर भी उन मान्यताओं पर चलते हैं।
बहुत सी मान्यताएं तो ऐसी हैं जिनका अर्थ भी हमें नहीं मालूम पर एक रस्म अदाएगी की तरह हम उनका पालन किये जा रहे हैं और सोच रहे हैं इनसे फायदा मिलेगा।
ठीक वैसे जैसे किसी को कैंसर की बीमारी हो और वो सूर्य नमस्कार करके सोच रहा हो की मेरी तकलीफ ठीक हो जाएगी, तो क्या भला ऐसा हो सकता है?
पर हम लोग जानते हैं की जैसे हम जी रहे हैं, जिन मान्यताओं पर जीवन जी रहे हैं उनका कोई विशेष फायदा नही तो बताइए क्या उसका कोई लाभ हो सकता है?
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद नाखून कब काटने चाहिए और कब नहीं इस प्रश्न का उत्तर आपको भली भांति मिल गया होगा। इस लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल बाकी है तो इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं, साथ ही लेख को शेयर भी कर दें।